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दिशा की गिरफ्तारी के बाद निकिता, शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट

22 साल की एनवायरमेंट एक्टिविस्ट दिशा रवि के बाद टूलकिट केस में अब दिल्ली पुलिस दो और एक्टिविस्ट्स की तलाश कर रही है

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एक्टिविस्ट निकिता जेकब
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एक्टिविस्ट निकिता जेकब
(Photo: Twitter/@nikitajacob)

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22 साल की एनवायरमेंट एक्टिविस्ट दिशा रवि के बाद टूलकिट केस में अब दिल्ली पुलिस दो और एक्टिविस्ट्स की तलाश कर रही है और इनके खिलाफ गैरजमानती वॉरंट भी जारी किया जा जुका है. एक्टिविस्ट निकिता जेकब और शांतनु की अब कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का दावा है कि जांच में पता चला है कि ग्रेटा ने जो टूलकिट शेयर किया था उसके पीछे पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन नाम का संगठन है. इसी संगठन ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दिन ट्वीट स्टॉर्म करने के लिए निकिता जैकब से संपर्क किया था. पुलिस का कहना है कि ये संगठन एक खालिस्तानी समूह का है.

निकिता जैकब की लीगल टीम ने बताया है कि 'दिल्ली पुलिस ने निकिता का बयान 10 फरवरी को दर्ज किया था. पुलिस ने जो दावा किया है कि निकिता ने सहयोग नहीं किया, वो पूरी तरह से गलत है. पुलिस ने पंचनामा भी किया है. हम इससे जुड़े सारे सबूत कोर्ट में पेश करेंगे.'

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5 दिन की पुलिस हिरासत में हैं दिशा रवि

ग्रेटा थनबर्ग टूल किट केस में इसके पहले क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 13 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद कोर्ट ने दिशा को 5 दिन की दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की हिरासत में भेज दिया है. फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैंपेन के संस्थापकों में से एक दिशा ने कथित रूप से टूलकिट को एडिट करके इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाया था.

पुलिस के अनुसार इस टूलकिट में 26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शन को लेकर विस्तृत रूप से एक एक्शन प्लान का जिक्र है, जो कि एक गंभीर अपराध को दर्शाता है.

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि इस टूलकिट को बनाने वाले लोगों की मंशा देश के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करने की थी, साथ ही किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में लोगों को प्रोत्साहित करने की थी.

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Published: 15 Feb 2021,01:05 PM IST

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