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किसानों को भड़काकर दीप सिधू लाल किला ले गया- गुरनाम सिंह चढूनी

ट्रैक्टर परेड हिंसा मामले में अब भारतीय किसान यूनियन नेता गुरनाम सिंह ने एक्टर दीप सिद्धू पर बड़ा आरोप लगाया है.

क्विंट हिंदी
भारत
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रूट बदलकर लाल किले तक पहुंची थी किसानों की ट्रैक्टर रैली
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रूट बदलकर लाल किले तक पहुंची थी किसानों की ट्रैक्टर रैली
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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ट्रैक्टर परेड हिंसा मामले में अब भारतीय किसान यूनियन नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक्टर दीप सिद्धू पर बड़ा आरोप लगाया है. चढ़ूनी का कहना है कि दीप सिद्धू की सरकार के साथ मिलीभगत है और दीप ही प्रदर्शनकारियों को लाल किले पर लेकर गए थे. किसान संगठनों की तरफ से आयोजित ट्रैक्टर परेड में लाल किले पर जाने का किसी तरह का कार्यक्रम नहीं था.

आज की जो घटना लाल किले पर हुई है, उसको धार्मिक रंग देना निंदनीय है. हमारा आंदोलन सिर्फ किसानों के लिए है ये धार्मिक आंदोलन बिलकुल नहीं है. दीप सिधू ने जो किया है उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. हमें लगता है कि वो सरकार का द&^% है. हर बार वो यही करता है. हमारा लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था, लोग उसके बहकावे में इस बात से आ गए कि वो रिंग रोड जाएगा, लोगों को भी ये पता नहीं था.
गुरनाम सिंह चढूनी

ये कोई धार्मिक आंदोलन नहीं है- चढूनी

चढूनी ने कहा कि पिछले दो महीने से किसान जो प्रदर्शन कर रहे हैं वो एक किसान आंदोलन है, कोई धार्मिक आंदोलन नहीं है, लेकिन दीप सिंधू जैसे लोग प्रदर्शनाकियों को बहकावे में ला रहे हैं, ऐसे लोगों से बचना चाहिए. बता दें कि

NIA ने जिन 40 लोगों को "सिख फॉर जस्टिस" से जुड़े मामले में समन भेजा है, उनमें एक्टर दीप सिद्धू भी शामिल हैं. दीप सिद्धू का सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के दौरान पुलिसवालों से अंग्रेजी में तर्क-वितर्क करते हुए वीडियो खूब वायरल हुआ था.

संयुक्त मोर्चा ने हिंसा पर क्या कहा ?

तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसान संगठनों का समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बेकाबू हुई ट्रैक्टर रैली में हिंसक वारदात से किनारा कर लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि जिन किसान संगठनों के लोग हिंसा पर उतर आए हैं और लाल किला परिसर में दाखिल हुए हैं, उनसे उनका कोई लेना-देना नहीं है.

हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा रूट का उल्लंघन करने का निंदनीय कृत्य किया गया. असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा.
संयुक्त किसान मोर्चा

इसी के साथ मोर्चा ने किसान गणतंत्र परेड को वापस लेने की बात कही. साथ ही ये भी कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और जल्द ही बातचीत कर आगे के कदम तय होंगे

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Published: 26 Jan 2021,11:09 PM IST

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