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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडू 17 से 23 फरवरी तक भारत की अपनी पहली सरकारी यात्रा पर होंगे. इस दौरान वो कई जगहों का दौरा करेंगे. इसमें अमृतसर का स्वर्ण मंदिर दौरा भी शामिल है.
लेकिन कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (सीबीसी) के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडू पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नहीं मिलेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, ट्रुडू अमरिंदर से इसलिए नहीं मिलेंगे क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से ट्रुडु के कैबिनेट सदस्यों पर एक अलग सिख राज्य खालिस्तान के गठन को लेकर हुए आंदोलन से जुड़े होने का आरोप लगाया था.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, स्वर्ण मंदिर के दौरे के दौरान अमरिंदर ट्रडू के साथ जाने वाले थे. हालांकि, कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल उन्होंने अभी तक कैप्टन के साथ किसी भी तरह की मीटिंग की योजना नहीं बनाई है.
ये मुद्दा इसलिए बन रहा है क्योंकि पिछले साल अप्रैल में भारत यात्रा के दौरान, अमरिंदर ने कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन को 'खालिस्तानी समर्थक' करार दिया था. अमरिंदर ने उनसे मुलाकात करने से इनकार किया था क्योंकि उनका मानना था कि कनाडाई रक्षा मंत्री कथित तौर पर खालिस्तान के गठन की वकालत कर रहे थे.
हालांकि, कनाडा ने बार-बार कहा है कि वो किसी भी तरह के सिख अतिवाद को समर्थन नहीं करता है.
बता दें, ट्रुडू के भारत पहुंचने से पहले कनाडाई सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का दौरा किया. ट्रुडू 21 फरवरी को स्वर्ण मंदिर का दौरा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर ट्रुडू आपसी व्यापार और निवेश, ढांचागत विकास, कौशल विकास और अंतरिक्ष कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के मकसद से आ रहे हैं.
मंत्रालय के मुताबिक दौरे के केन्द्र बिंदु में सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग के साथ-साथ वैश्विक और समान क्षेत्रीय मुद्दे भी रहेंगे.
अप्रैल 2015 में मोदी के कनाडा दौरे के लगभग तीन साल बाद कनाडा के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आ रहे हैं. कनाडा के किसी प्रधानमंत्री ने इससे पहले नवंबर 2012 में भारत का दौरा किया था.
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