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बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग के बीच महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. उन्होंने कहा है कि बापू की हत्या के मकसद और साजिश को समझना होगा. खास कर वैसे वक्त में जब बापू की हत्या का समर्थन करने वाले को भारत रत्न देने पर विचार हो रहा है.
बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने अपने मेनिफेस्टो में कहा था कि पार्टी केंद्र सरकार से वीडी सावरकर को भारत रत्न देने को कहेगी. इस पर खासा हंगामा मचा. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कांग्रेस वीर सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है. उन्होंने कहा था कि सावरकर जी ने जिसे संरक्षण दिया और जिसका समर्थन करते रहे कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है. इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था. हम सावरकर जी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह खड़े थे.
गृहमंत्री अमित शाह ने हाल में ही कहा कि सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति इतिहास न बनती और उसे भी हम अंग्रेजों के नजरिये से ही देखते. सावरकर ने ही 1857 की क्रांति को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया वरना आज भी हमारे बच्चे उसे विद्रोह के नाम से जानते.' उन्होंने कहा, 'वामपंथियों को, अंग्रेज इतिहासकारों को दोष देने से कुछ नहीं होगा. हमें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा.
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