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टीवीएफ - द वायरल फीवर के सीईओ और फाउंडर अरुणाभ कुमार के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट का केस बंद किया जा सकता है.
इस मामले में वकील रिजवान सिद्दीकी ने थर्ड पार्टी के तौर पर शिकायत दर्ज कराने की मांग की थी. उन्होंने अरुणाभ के खिलाफ 3 बार एफआईआर दर्ज कराने की मांग की. लेकिन कुमार के खिलाफ 50 से अधिक शिकायतें सामने आने के बावजूद किसी भी पीड़िता ने पुलिस के पास रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई. मजबूरन पुलिस को ये केस बंद करना पड़ेगा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस का कहना है कि केस दर्ज किए जाने के 10 दिन बाद तक कोई भी पीड़िता सामने नहीं आई है.
ऐसे में पुलिस सिर्फ सोशल मीडिया को आधार मानकर अरुणाभ पर लगे आरोप को सही नहीं मान सकती.
नतीजतन, कुमार को बयान दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन में भी नहीं बुलाया जाएगा क्योंकि पुलिस उन्हें आॅफिशियली आरोपी नहीं मान सकती.
बता दें कि ऑनलाइन एंटरटेनमेंट चैनल टीवीएफ- द वायरल फीवर के सीईओ और फाउंडर अरुणाभ कुमार पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगा है. चैनल की एक पूर्व एंप्लाॅइ ने आरोप लगाते हुए कहा था कि- अरुणाभ ने उसके ढाई साल के कार्यकाल में उसके साथ कई बार छेड़छाड़ की.
‘द इंडियन उबर- डेट इज टीवीएफ’ नाम से एक ब्लॉग में उस लड़की ने छेड़छाड़ की अलग-अलग घटनाओं का जिक्र करते हुए ‘इंडियन फॉवलर’ के नाम से ब्लाॅग लिखा था.
जैसे ही यह ब्लॉग वायरल हुआ तो कई और लड़कियों ने अरुणाभ के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि उनके साथ भी ऐसा हुआ.
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