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कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर इंडिया के MD मनीष महेश्वरी (Manish Maheshwari) को अंतरिम राहत देते हुए, गाजियाबाद पुलिस को उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर गाजियाबाद पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है तो वो वर्चुअली ऐसा कर सकती है. गाजियाबाद पुलिस को उसके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया. महेश्वरी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में यूपी पुलिस के नोटिस के खिलाफ रिट पिटीशन दाखिल की थी.
महेश्वरी ने यूपी पुलिस की CrPC की धारा 41A के तहत जारी नोटिस के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. उन्हें आज गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स की पिटाई के वीडियो को लेकर किए गए ट्वीट्स मामले में पूछताछ के लिए यूपी पुलिस के सामने पेश होना था.
पुलिस ने 17 जून को ट्विटर इंडिया के MD मनीष महेश्वरी को लोनी में एक मुस्लिम व्यक्ति पर कथित हमले पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था.
हिंसक घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, और कहा गया था कि शख्स को उसके धर्म की वजह से प्रताड़ित किया गया है. हालांकि, पुलिस ने बाद में कहा था कि इस घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग दिया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 जून को पत्रकार राणा अयूब को मामले में 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दी है. जस्टिस पीडी नायक ने अपने आदेश में लिखा कि राणा अयूब अपने लिए तब तक गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है, जब तक वो जहां केस चल रहा है वो वहां के कोर्ट जाकर अपना मामला प्रस्तुत करें.
यूपी पुलिस के केस दर्ज करने के बाद ट्विटर इंडिया ने 21 जून को इस हमले के संबंध में 50 ट्वीट्स पर रोक लगा दी थी. ये रोक केवल भारत में लगाई गई थी. कंपनी ने कहा था, “जैसा कि हमारी कंट्री विदहेल्ड पॉलिसी में बताया गया है, वैध कानूनी मांग के जवाब में या स्थानीय कानून के उल्लंघन के मामले में, कंटेंट तक पहुंच को रोकना जरूरी हो सकता है. विदहोल्डिंग उस विशेष क्षेत्र/देश तक सीमित है, जहां कंटेंट को अवैध माना गया है. हम अकाउंट्स को सीधे सूचित करते हैं ताकि उन्हें पता चले कि हमें अकाउंट से संबंधित कानूनी आदेश प्राप्त हुआ है.”
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