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बहुजन चिंतक और प्रोफेसर दिलीप मंडल पर ट्विटर ने प्रतिबंध लगा दिया है. दिलीप मंडल को ट्विटर पर कुछ भी लिखने या पोस्ट करने से प्रतिबंधित किया गया है. दिलीप मंडल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी है साथ ही उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी लगाया है, जिसकी वजह से ट्विटर ने प्रतिबंध लगाया. ये ट्वीट 1 मार्च 2019 को किया गया था.
ट्विटर की तरफ से भेजे गए ईमेल में कहा गया है कि हमें पता चला है कि इस ट्विटर अकाउंट ने नियम तोड़े हैं. खासकर ‘निजता के हनन’ का नियम. साथ ही ये कहा गया है कि कोई भी किसी की बिना इजाजत उसकी निजी जानकारी शेयर नहीं कर सकता है.
दिलीप मंडल ने उस पोस्ट का स्क्रीनशॉट अपने फेसबुक पर शेयर किया है, जिसकी वजह से उनके ट्विटर अकाउंट पर कई पाबंदियां लगा दी गईं.
1 मार्च 2019 को प्रोफेसर दिलीप मंडल ने ट्वीट किया था, ‘‘2019 लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन एजेंडा छुप चुका है. इसे तमाम राजनीतिक दलों को दिया जाएगा. जो मित्र इसकी कॉपी बंटवाना और छपवाना चाहते हैं वे इसकी फाइल के लिए jaihindazadhind@gmail.com पर संपर्क करें.’’
इस ट्वीट में दिए गए ईमेल आईडी की वजह से ट्विटर ने ‘निजता के हनन’ का हवाला देते हुए दिलीप मंडल के ट्विटर अकाउंट पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी. मसलन, वह ट्वीट नहीं कर सकते. उन्हें कोई फॉलो नहीं कर सकता और वे भी किसी को फॉलो नहीं कर सकते.
क्विटं हिंदी ने इस मामले में दिलीप मंडल से बात की है. प्रोफेसर मंडल का कहना है कि ट्विटर एक स्ट्रैटेजी के तहत काम कर रहा है. वह देश के 85 फीसदी लोगों को सिर्फ फॉलोवर बनाकर रखना चाहता है.
मंडल ने बताया कि ईमेल में ट्विटर ने कहा है कि जो प्रतिबंध लगाया गया है वो जायज है. साथ ही ट्विटर ने ये भी कहा है कि उनकी शिकायत की समीक्षा की जा रही है.
तमाम ट्विटर यूजर्स प्रोफेसर दिलीप मंडल के ट्विटर अकाउंट को रीस्टोर किए जाने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच डॉ. यादव जय हिंद ने भी मंडल के ट्विटर अकाउंट को रीस्टोर किए जाने की मांग की है. बता दें, जयहिंद की ईमेल आईडी की वजह से ही ट्विटर ने प्रोफेसर मंडल के ट्विटर अकाउंट पर पाबंदियां लगाई हैं.
जय हिंद ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मेरा ईमेल आईडी साथी दिलीप मंडल ने मेरे निर्देश पर ही ट्वीट किया था. इसमें मेरी प्राइवेसी का कोई उल्लंघन नहीं है. ट्विटर को तत्काल दिलीप मंडल का अकाउंट रीस्टोर करना चाहिए.’’
दिलीप मंडल ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी है और ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी से सवाल भी पूछे हैं. साथ ही जिस कारण से उन पर प्रतिबंध लगा है उसे हास्यास्पद भी बताया है.
प्रोफेसर दिलीप मंडल ने ट्विटर पर बहुजन विरोधी होने का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर एक और लंबी पोस्ट लिखी है. इसमें प्रोफेसर ने लिखा है कि उपनाम की वजह से ट्विटर आपको वेरिफाई नहीं करेगा भले ही आप कितने ही बड़े लेखक, नेता या एक्टिविस्ट हों. साथ ही ये आरोप लगाया कि ट्विटर बहुजनों को बुद्धिजीवी भी नहीं मानता.
प्रोफेसर ने लिखा, ‘‘इसके बावजूद अगर आपने सोशल मीडिया में थोड़ी हैसियत बना ली तो ट्विटर-फेसबुक के भारत के दफ्तरों में बैठे लोग आपको आसानी से जीने नहीं देंगे. आपकी महीनों, वर्षों पुरानी पोस्ट निकाल कर आपको समय -समय पर सस्पेंड और रिस्ट्रिक्ट करते रहेंगे.’’
प्रोफेसर मंडल ने लिखा कि सोशल मीडिया पर बने रहना बहुजनों के लिए हमेशा तलवार की धार पर संभलकर चलने जैसा है.
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