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JNU केस : ABVP के पूर्व सदस्यों का दावा, उनके संगठन की ही थी साजिश
आरोपों पर छात्र संगठन ABVP ने दी सफाई
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भारत
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कन्हैया कुमार और उमर खालिद पर देशद्रोह का आरोप
(फोटोः The Quint)
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पूर्व जेएनयू उपाध्यक्ष जतिन गोराया और पूर्व ज्वॉइंट सेक्रेटरी प्रदीप नरवाल ने जेएनयू देशद्रोह केस में चार्जशीट दाखिल करने के समय पर सवाल उठाए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ABVP के दोनों पूर्व सदस्यों ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया है कि न्यूज चैनल पर दिखाए गए वीडियो में कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते छात्र वास्तव में ABVP के ही सदस्य या समर्थक थे.
जेएनयू के ये दोनों पूर्व छात्र, 9 फरवरी, 2016 को कैंपस में हुए घटनाक्रम के समय एबीवीपी के पदाधिकारी थे. दोनों छात्रों ने दावा किया है जेएनयू में घटित हुआ पूरा मामला सुनियोजित था और इसे ABVP ने दलित स्कॉलर रोहित वेमुला के सुसाइड केस से ध्यान हटाने के लिए "प्लान" किया था.
प्रदीप नरवाल ने देशद्रोह केस में छात्रों के खिलाफ दर्ज कराई गई चार्जशीट को राजनीति से प्रेरित बताया. वहीं, जतिन गोराया ने दावा किया कि कथित ‘देशद्रोह विवाद’ सुनियोजित था, ताकि दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत से शुरू हुए आंदोलन को खत्म किया जा सके.
ABVP ने सफाई में क्या कहा?
एबीवीपी ने कहा है कि दोनों पूर्व सदस्य अब कांग्रेस के साथ हैं. इसीलिए वह आरोपी छात्रों का समर्थन कर रहे हैं. छात्र संगठन ने ये भी कहा है कि दोनों पूर्व सदस्यों ने असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ‘राजनीतिक चाल' चली है.
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के तत्कालीन संयुक्त सचिव प्रदीप नरवाल और दो अन्य ने 9 फरवरी 2016 की घटना के बाद परिसर में हुई झड़प के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उस कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगे थे.
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के उपाध्यक्ष जतिन गोराया ने अगस्त 2016 में पद से इस्तीफा दे दिया था.
9 फरवरी 2016: JNU में आतंकी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के खिलाफ ABVP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और छात्रों के दो गुटों में मारपीट हुई. इसी कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए.
11 फरवरी: टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी नारों की वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली के वसंतकुंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया.
12 फरवरी: दिल्ली पुलिस ने तत्कालीन जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उमर खालिद अंडरग्राउंड हो गया. इस मामले में अनिर्बान भट्टाचार्य और रामा नागा समेत कुछ अन्य छात्रों को भी आरोपी बनाया गया.
15/16 फरवरी: वकीलों के एक गुट ने कन्हैया कुमार पर पेशी के दौरान जानलेवा हमला किया.
24 फरवरी: अनिर्बान भट्टाचार्य और उमर खालिद ने JNU कैंपस में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
27 फरवरी: देशद्रोह के केस को स्पेशल कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया
3 मार्च: कन्हैया कुमार को 10 हजार रुपये के बॉन्ड पर जमानत मिली
17 मार्च: उमर और अनिर्बान को 6 महीने की अंतरिम जमानत मिली
अप्रैल 2017: पुलिए ने जेएनयू के 31 छात्रों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया
14 जनवरी 2019: स्पेशल सेल ने मामले में चार्जशीट दायर की
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