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जहां एक तरफ यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है, वहीं एक यूक्रेनी मां अपने बेटे को खोजने की लड़ाई लड़ रही है. भारत में अपने बच्चे के लिए अदालती जंग लड़ रही है. दरअसल, यूक्रेनी महिला का आरोप है कि बच्चे के पिता ने बच्चे का अपहरण कर भारत ले आया है. मामला दिल्ली हाईकोर्ट में है और दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक भारतीय व्यक्ति और उसके तीन साल के यूक्रेनी बेटे का पता लगाने का निर्देश दिया.
दरअसल, बच्चे की यूक्रेनी मां ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उसका अपने पति के साथ तलाक हो गया था. यूक्रेन की कोर्ट ने बच्चे के संरक्षण की जिम्मेदारी महिला को दी थी. लेकिन उसका पति बिना उसे बताए युद्ध के दौरान बच्चे को भारत ले आया.
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता बच्चे का पता लगाना है.
अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी किया, साथ ही हाई कोर्ट ने महिला की याचिका पर गृह और विदेश मंत्रालयों, दिल्ली पुलिस, केंद्रीय जांच ब्यूरो और महिला के पूर्व पति को नोटिस जारी किया है. अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को मामले में निर्देश लेने के लिए समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
महिला जो कि एक स्कूल शिक्षक है, ने हाई कोर्ट को बताया कि यूक्रेन में उसके पूर्व पति के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज है. एक यूक्रेनी अदालत ने 2021 में दोनों के तलाक के बाद बच्चे की जिम्मेदारी को लेकर फैसला मां के पक्ष में सुनाया था. महिला ने आरोप लगाया है कि पूर्व पति ने 27 मार्च को बेटे को टहलने ले गया और वापस नहीं लौटा.
याचिका में महिला ने कहा है कि व्यक्ति को असम और बिहार में देखा गया था. इस पर बेंच ने कहा जब आपके पास सूचना है कि वह गुवाहाटी में है तो आप गुवाहाटी हाई कोर्ट क्यों नहीं गईं.
याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि विदेश मंत्रालय ने "बहुत लापरवाही से काम किया" और जांच करने और कार्रवाई करने के बजाय, उसकी शिकायत पर सुझाव देते हुए कहा कि "शिकायतकर्ता से अनुरोध है कि वह इस मामले में अदालत या यूक्रेनी प्राधिकरण/सरकार से संपर्क करें."
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