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उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder) में आरोपी अहमदाबाद में बंद माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है. यूपी पुलिस और STF की एक टीम IPS अभिषेक भारती के नेतृत्व में अतीक अहमद (Atique Ahmed) को लेने रविवार 26 मार्च को साबरमती जेल पहुंची और वो सड़क मार्ग के जरिये पूर्व सांसद को लेकर प्रयागराज आयेगी. 45 सदस्यीय टीम में अभिषेक भारती समेत 2 IPS और 3 DSP का कोर ग्रुप है जो अतीक को लेकर प्रयागराज आयेगा.
जानकारी के अनुसार, यूपी पुलिस की टीम प्रोडक्शन वांरट के साथ गुजरात पहुंची है. कुल 6 गाड़ियों का काफिला अहमदाबाद के साबरमती जेल पहुंचा है, जिसमें दो वज्र वाहन और 3 फोर व्हीलर के अलावा एक एंबुलेंस भी हैं. जेल मैनुवल की कार्यवाही के बाद अतीक को जेल से यूपी पुलिस के साथ भेजा जाएगा. टीम अतीक को लेकर 27 मार्च की रात तक प्रयागराज पहुंचेगी. इस दौरान उसकी उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट में पेशी होगी साथ ही, उमेश पाल हत्याकांड मामले में भी पूछताछ होगी.
इस मामले में यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, "2006 उमेश पाल अपहरण कांड में ट्रायल खत्म हो चुका है और मार्च 28 को सजा सुनाई जानी है. इस मामले में जेल में बंद माफिया अतीक अहमद आरोपी है और उनको कानूनी प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम प्रयागराज लेकर आएगी."
अतीक अहमद के अहमदाबाद से प्रयागराज शिफ्ट किये जाने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को अतीक अहमद की गाड़ी पलटने के बारे में बता दिया होगा. दरअसल, यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने गाड़ी पलटने को लेकर बयान दिया था, जिसको लेकर माफिया अतीक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने जान का खतरा बताया था.
पूर्व बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण केस की सुनवाई स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में 17 मार्च को पूरी हो गई है. इस मामले में 28 मार्च को 16 साल बाद फैसला आएगा.
दरअसल, उमेश पाल अपने अपहरण के मुकदमे की पैरवी करके लौट रहा था तभी 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उमेश पाल और उनके दोनों पुलिस सुरक्षा गार्ड की भी मौत हो गयी थी.
जानकारी के अनुसार, घटना के दिन उमेश पाल अपने अपहरण केस की आखिरी सुनवाई के लिए गए प्रयागराज सेशन कोर्ट में गए थे. उस दिन केस की पूरी सुनवाई न होने के कारण कोर्ट ने अंतिम सुनवाई की आखिरी तारीख 27 फरवरी तय की थी. इसके बाद उमेश पाल अपनी कार से घर लौट रहे थे. लेकिन घर पहुंचते ही पीछे से आ रहे शूटरों ने उमेश पाल पर गोलियां बरसा दी.
दरअसल, 25 जनवरी 2005 में बीएसपी विधायक राजूपाल की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद को आरोपी बनाया गया था जबकि उमेश पाल केस के मुख्य गवाह थे. लेकिन उनकी भी हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड के तार माफिया अतीक अहमद से जुड़े हुए माने जा रहे हैं. हालांकि, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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