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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)
1 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2023 का केंद्रीय बजट (Budget 2023) पेश किया. कई नई-पुरानी केंद्र सरकार की योजनाओं के बजट में इस बार बदलाव हुआ है. जरा सिलसिलेवार ढंग से देखते हैं कि सरकार ने किस योजना का बजट बढ़ाया और किसका घटाया? साथ ही ये भी जानेंगे कि कितना बढ़ाया, कितना घटाया ?
मनरेगा (MANREGA) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MANREGA) का बजट 29,400 करोड़ कम हो गया है. पिछले साल यानी 2022- के केंद्रीय बजट में मनरेगा के लिए 89,400 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे. इस साल ये राशि घटकर 60,000 करोड़ हो गई है.
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन का बजट इस साल 15,000 करोड़ रुपए बढ़ गया है. पिछले साल इस योजना का बजट 55,000 करोड़ रुपए था, जो कि इस साल बढ़कर 70,000 करोड़ रुपए हो गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाती है.
ग्रामीण और शहरी इलाकों में आवास उपलब्ध कराने वाली पीएम आवास योजना का बजट इस साल बढ़ा है. पिछले साल जहां आवास योजना का बजट 77,130 करोड़ रुपए था, वहीं इस साल ये बढ़कर 79,590 करोड़ रुपए हो गया है.
सरकारी और कुछ चुनिंदा निजी अस्पतालों में 5 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने वाली आयुष्मान भारत योजना का बजट 8,000 करोड़ रुपए बढ़ गया है. 2022 के बजट में इस योजना के लिए 6,427 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. 2023 में इस बजट को बढ़ाकर 7,200 करोड़ रुपए कर दिया गया है.
पीएम पोषण योजना का बजट पिछले साल 12800 करोड़ रुपए से घटकर 11600 करोड़ रुपए हो गया है.
आंगनवाड़ी का बजट 20,263 करोड़ रुपए से बढ़कर 20554 करोड़ हो गया है.
फसल बीमा योजना का बजट पिछले साल 12,376 करोड़ रुपए से बढ़कर 13,625 करोड़ रुपए हो गया है
यूरिया सब्सिडी का बजट 15,4098 करोड़ रुपए से घटकर 13,1100 करोड़ रुपए हो गया है.
पोषण पर सब्सिडी का बजट पिछले साल 71,122 करोड़ रुपए था, इस साल घटकर 44,000 करोड़ हो गया है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का बजच इस साल महज 1,37,207 करोड़ है, पिछले साल 2,14,696 करोड़ रुपए था.
मिशन शक्ति का बजट पिछले साल 2280 करोड़ रुपए से बढ़कर 3144 करोड़ रुपए हो गया है.
2005 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नेशनल हेल्थ मिशन की शुरुआत की थी. इस साल नेशनल हेल्थ मिशन के बजट में 3 हजार करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं. पिछले साल जहां इस स्कीम का बजट 33,708 करोड़ रुपए था, इस साल ये 36785 करोड़ रुपए है.
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन का बजट पिछले साल जहां 32,612 करोड़ रुपए था, इस साल इसे बढ़ाकर 38,953 करोड़ रुपए कर दिया गया है.
देश भर में सड़कों का जाल बिछाने के लिए शुरू की गई केंद्र की पीएम ग्राम सड़क योजना के सालाना बजट में न तो कई कटौती की गई है, न ही बढ़त. पिछले साल की तरह इस साल भी इस योजना का बजट 19,000 करोड़ रुपए है.
मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के बजट में इस साल काफी बढ़त हुई है. पिछले साल जहां इस योजना का बजट 2,000 करोड़ रुपए था, इस साल ये बढ़कर 5,000 करोड़ रुपए हो गया है. वहीं स्मार्ट सिटी के बजट में 700 करोड़ बढ़ाए गए हैं. पिछले साल जहां स्मार्ट सिटी का बजट 15300 करोड़ रुपए था, इस साल बढ़कर 16,000 करोड़ रुपए हो गया है.
मेट्रो परियोजनाओं का बजट पिछले साल 15,629 करोड़ रुपए था, इस साल बढ़कर 19,518 करोड़ हो गया है.
अल्पसंख्यकों के विकास पर योजनाओं का बजट 610 करोड़ रुपए है, पिछले साल ये 530 करोड़ रुपए था.
कर्मचारी पेंशन स्कीम का बजट 8485 करोड़ रुपए से बढ़कर 9167 करोड़ रुपए हो गया है
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