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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट (Budget 2023) पेश कर दिया है. इस बजट को निर्मला सीतारमण ने अमृत काल का पहला बजट बताया है. लगातार पांचवीं बार बजट पेश करते हुए सीतारमण ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और रेलवे के लिए बड़े ऐलान किए हैं.
इसके अलावा बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बूस्ट देने के लिए वित्त मंत्री ने कई अहम एलान किए. 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में निर्मला सीतारमण ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) 33% बढ़कर 10 लाख करोड़ हो गया जो कि सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP का 3.3% है.
सीतारमण ने कहा,
हालांकि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कोई नई ट्रेन चलाने की घोषणा नहीं की है.
निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में रक्षा मंत्रालय के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की. साल 2022 के बजट में, रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 5.25 करोड़ रुपये था, मतलब ये करीब 12.95 फीसदी की बढ़ोतरी है.
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट के सात आधार बताए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है-
समावेशी विकास
वंचितों को वरीयता
बुनियादी ढांचे और निवेश
क्षमता विस्तार
हरित विकास
युवा शक्ति
वित्तीय क्षेत्र
बता दें कि साल 2017 से ही अलग से रेल बजट पेश होने की परंपरा खत्म हो चुकी है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अलग से रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया था. साल 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं आम बजट में शुरू हो गई थी. इससे पहले रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट संसद में पेश करते थे.
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