Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उन्नाव रेप केस: आरोपी विधायक पर FIR नहीं, पीड़ित परिवार ‘नजरबंद’

उन्नाव रेप केस: आरोपी विधायक पर FIR नहीं, पीड़ित परिवार ‘नजरबंद’

सीएम के निष्पक्ष कार्रवाई के आश्वासन को 72 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन आरोपी विधायक के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है.

विक्रांत दुबे
भारत
Updated:
पीड़ित का परिवार
i
पीड़ित का परिवार
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

उन्नाव गैंग रेप मामले में हर पल नया मोड़ आ रहा है. पीड़ित परिवार के साथ पुलिस प्रशासन जिस तरह का बर्ताव कर रहा है, उससे यह शक यकीन में बदलता जा रहा है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निष्पक्ष कार्रवाई के आश्वासन को 72 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है.

दूसरी तरफ रेप की शिकार लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के नाम पर प्रशासन ने उन्हें एक होटल में 'नजरबंद' कर दिया है. पीड़ित परिवार के मुताबिक उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है और ना ही किसी और को उनसे मिलने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं बाहरी दुनिया के घटनाक्रम से दूर रखने के लिए जिस होटल में उन्हें रखा गया है वहां का केबल कनेक्शन काट दिया गया है.

इस बारे में बुधवार सुबह द क्विंट की टीम ने पीड़िता के चाचा और मृतक पप्पू सिंह के भाई महेश सिंह से बातचीत की, लेकिन थोड़ी देर बात कुछ और अपडेट लेने के लिए जब फोन मिलाया गया तो बात नहीं हो सकी. तब से अब तक कई बार की कोशिशों के बावजूद उन लोगों से संपर्क नहीं हो सका है.

आगे बढ़ने से पहले महेश सिंह से हुई बातचीत पर एक नजर:

  • रिपोर्टर: आप लोग घर पहुंच गए हैं?
  • महेश सिंह: नहीं. हमें मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए डीएम साहब बुलवाये थे, लेकिन होटल में रख दिया गया है.
  • रिपोर्टर: आपके साथ कौन-कौन है, आपका पूरा परिवार?
  • महेश सिंह: कुल 27 लोग हैं. हमारा पूरा परिवार है और घटना से जुड़े लोग भी हैं .
  • रिपोर्टर: आप लोगों को कहां रखा गया है?
  • महेश सिंह: हमें उन्नाव के एक होटल में रखा गया है. हमें पांच कमरे दिये गए हैं. लेकिन टीवी का कनेक्शन काट दिया गया है.
  • रिपोर्टर: क्या इसका मतलब आपको नज़रबन्द किया गया है?
  • महेश सिंह: “हां" हमें बाहर भी निकलने नहीं दिया जा रहा है. और न ही किसी से मिलने दिया जा रहा है.
इसी बातचीत के क्रम में महेश सिंह ने यह भी बताया कि एसपी ने वादा किया था कि उन्हें एफआईआर की कॉपी मुहैया करायी जाएगी. लेकिन अभी तक उन्हें एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है.

अंतिम संस्कार से महरूम रहा परिवार

नहीं कर पा रहे हैं अंतिम संस्कार के बाद की रस्में   (फोटो: क्विंट हिंदी)

हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक किसी के अंतिम संस्कार के बाद लोग घर जाते हैं और वहां मृतक की आत्मा की शांति के लिए कर्मकांड सम्पन्न किये जाते हैं. लेकिन जरूरत से ज़्यादा सहानुभूति दिखा रही पुलिस ने परिवार को इस रस्म से भी महरूम कर दिया. सबसे पहले मंगलवार को शमशान घाट से पप्पू सिंह के 3 साल के बेटे और करीब 75 साल की बूढ़ी मां सहित पूरे परिवार को डीएम आवास लाया गया.

इस समय तक क्विंट की टीम भी वहां मौजूद थी. मीडिया की भीड़ बढ़ी तो शाम तकरीबन 6 बजे मुख्यमंत्री के यहां ले जाने के नाम पर अचानक पीड़ित परिवार को गायब कर दिया गया. लेकिन फोन के जरिये मीडिया का उनसे संपर्क बना रहा. बुधवार सुबह भी उसी फोन पर मृतक के भाई और लड़की के चाचा महेश सिंह से बात हुई. लेकिन अब उनसे संपर्क पूरी तरह कट गया है.

उन्नाव गैंग रेप मामले में हर पल नया मोड़ आ रहा है. (फोटो: क्विंट हिंदी)

खबरों के मुताबिक मीडिया से पीड़ित परिवार को दूर करने के बाद पुलिस प्रशासन के तमाम लोग एक के बाद एक पीड़ित परिवार से मिल रहे हैं. इस मामले की जांच करने के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम मिल चुकी है. इनके अलावा भी कई आला अफसरों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. लेकिन ये सब जिस गोपनीय तरीके से हो रहा है वह पुलिस प्रशासन की भूमिका को संदेह के दायरे में लाता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आरोपी विधायक की पत्नी ने की नार्को टेस्ट की मांग

उधर, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने बचाव में पत्नी को आगे कर दिया है. उनकी पत्नी संगीता सेंगर ने बुधवार को लखनऊ में पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह से मुलाताक की और अपने पति पर लगे तमाम आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने इस मामले में पुलिस महानिदेशक से नार्को टेस्ट कराने की गुजारिश की. उनका कहना है कि “सच और झूठ साफ करने के लिए मेरे पति कुलदीप सिंह सेंगर और आरोप लगाने वाली लड़की - दोनों का नार्को टेस्ट करा लिया जाए. जब तक आरोप साबित नहीं हो तब तक उनके पति को रेपिस्ट के तौर पर पेश नहीं किया जाए.”

आरोपी पक्ष को नए-नए दलील पेश करने की खुली छूट

आरोपी पक्ष को नए-नए दलील पेश करने की खुली छूट(फोटोः PTI)

इतनी ही नहीं पीड़ित पक्ष को नजरबंद करने वाले पुलिस-प्रशासन ने आरोपी पक्ष को अपने बचाव में हर दलील गढ़ने की छूट मुहैया करा दी है. इसी क्रम में आरोपी पक्ष की एक करीबी महिला शशि सिंह ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पीड़ित लड़की के चरित्र को ही संदेहास्पद बता दिया.

उन्होंने कहा कि बीते साल इस लड़की ने उनके बेटे शुभम सिंह पर भी बलात्कार का आरोप लगाया था. अभी तक आरोपी विधायक और उसके समर्थक यह कह रहे थे कि पुरानी रंजिश और सियासी वजहों से उन्हें फंसाने के लिए पीड़ित लड़की के पिता पप्पू सिंह और उनके पूरे परिवार ने यह जाल बुना था. अब बात एक कदम आगे बढ़ गई है. अब यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि लड़की और उसके परिवार का चरित्र ही संदेहास्पद है. ऐसे में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से यह पूछा जाना चाहिए कि कानून निर्बल की रक्षा के लिए होता है या ताकतवर की मदद के लिए. पीड़ित परिवार को नजरबंद करके आरोपियों को पूरे दल-बल के साथ नए-नए आरोप लगाने की छूट दी जाये, यह कहां का इंसाफ है?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 11 Apr 2018,07:44 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT