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उन्नाव रेप पीड़िता से जुड़े सभी मामले अब दिल्ली ट्रांसफर हो चुके हैं. लेकिन अब पीड़िता को दिल्ली लाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पीड़िता की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. वहीं उनके वकील भी अभी तक वेंटिलेटर पर ही हैं. डॉक्टरों की तरफ से एयरलिफ्ट की मंजूरी मिलते ही पीड़िता और उनके वकील को दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया जा सकता है. इसके लिए मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी सहमति दे दी है.
बता दें कि उन्नाव मामले से जुड़े सभी केस अब दिल्ली की कोर्ट में सुने जाएंगे. इन केसों की चार्जशीट भी दिल्ली में ही दाखिल होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को देखते हुए ये फैसला लिया. कोर्ट ने पीड़ित परिवार को केंद्रीय बलों की सुरक्षा देने की भी बात कही. पीड़िता के पूरे परिवार को अब सीआरपीएफ सुरक्षा देगी.
हालांकि पीड़िता की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि रेप पीड़िता और उसके वकील की हालत स्थिर है. जांच के लिए दोपहर में वेंटिलेटर हटाया गया था, लेकिन कुछ मिनट बाद ही दोनों की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें फिर वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया. कुछ देर बाद फिर यही प्रक्रिया अपनाई गई, लेकिन इस बार भी वही हालात रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस पीड़िता के मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिए कि वो 7 दिन में जांच पूरी करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी हालत में कम से कम वक्त में जांच पूरी होनी चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस की रोजाना सुनवाई के भी निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर रोजाना सुनवाई कराई जाए और अगले 45 दिन के ट्रायल पीरियड में केस की सुनवाई पूरी हो.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए योगी सरकार को भी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पीड़िता के परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार तक यूपी सरकार पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दे.
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