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उन्नाव रेप पीड़िता मामले पर गुरुवार को कई अहम फैसले लिए गए. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ तक माहौल गरम रहा. सबसे पहले खबर आई कि पीड़िता की सुरक्षा में मौजूद तीन सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके ठीक बाद बीजेपी ने भी एक बड़ा फैसला किया. बीजेपी ने आखिरकार अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से पीछा छुड़ाकर उसे पार्टी से निकाल दिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सुनवाई करते हुए 7 दिन में जांच पूरी करने को कहा.
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में जहां पहले ढिलाई बरती गई, वहीं अब मामला बढ़ने के बाद कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है. अब यूपी पुलिस ने तीन सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड किया है. इन तीनों पर लापरवाही बरतने का आरोप है. कॉन्स्टेबल सुदेश पटेल, महिला कॉन्स्टेबल सुनीता और रूबी कुमारी पर एसपी उन्नाव ने लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की. बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता के सुरक्षाकर्मी सड़क हादसे के दौरान उनके साथ मौजूद नहीं थे.
लंबे समय से विपक्ष बीजेपी पर हमलावर था. क्योंकि इस केस में सबसे बड़ा नाम बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का था. बीजेपी विधायक पर लगातार अपनी पावर का इस्तेमाल करने और पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगता रहा. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल लगातार आरोपी विधायक को निकालने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद आखिरकार बीजेपी ने विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इससे पहले बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि पार्टी ने पिछले साल ही कुलदीप सेंगर को सस्पेंड कर दिया था.
सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथों में लेते ही जांच शुरू कर दी है. सबसे पहले आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा कई लोगों पर केस दर्ज किया गया. बताया जा रहा है कि 25 से ज्यादा लोगों पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इसके बाद सीबीआई की एक टीम बुधवार को रायबरेली भी पहुंची. जहां घटनास्थल पर टीम ने उस ट्रक की जांच की, जिसने रेप पीड़िता की कार को टक्कर मारी थी. इस दौरान यूपी पुलिस के कई आला अधिकारी भी वहां मौजूद थे.
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