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राज्यसभा में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो गया है. विधेयक के पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक में लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल है. बिल पास होने के बाद राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 के तहत राज्य से आर्टिकल 370 हटा लिया जाएगा. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से विशेष का दर्जा खत्म हो जाएगा. साथ ही राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बंट जाएगा. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय संविधान के सभी प्रावधान लागू होंगे.
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डोडा के जिला मजिस्ट्रेट डी एस दत्तात्रे ने बताया, "सोमवार को डोडा में स्थिति शांतिपूर्ण रही. मैं लोगों को उनके द्वारा दिखाए गए धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं और आने वाले दिनों में इसी तरह शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. कर्फ्यू पास पहले से ही आपातकालीन सेवाओं को दे दिए गए हैं.”
बीजेपी नेता राम माधव ने कहा है कि धारा 370 पर फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों का हित ध्यान में रखकर लिया गया है. माधव बोले, "मुझे आशा है कि राज्य के लोग इस फैसले के पीछे का इरादा समझेंगे."
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला गिरफ्तार को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.
कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा, आर्टिकल 370 का मामला बहुत पुराना है. आजादी के बाद बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी थे, जो ये नहीं चाहते थे कि आर्टिकल 370 रहे. मैं इस समय पार्टी की बात नहीं कर रहा हूं. मेरी राजनीतिक दीक्षा स्वतंत्रता सेनानी राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में हुई. वो शुरू से ही इस आर्टिकल के खिलाफ बात करते थे. मेरे व्यक्तिगत विचार के हिसाब से ये राष्ट्रीय संतोष की बात है. एक भूल, जो आजादी के समय हुई, उसे देर सबेर सुधार लिया गया.
दिल्ली में रह रहे कश्मीरी छात्रों ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम को ‘तानाशाही’ करार देते हुए घाटी में रह रहे अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की पूर्व सदस्य शेहला राशिद ने कहा कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.
राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल की राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स मुवमेंट (जेकेपीएम) की भी सदस्य हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम आज पारित हुए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. ‘सरकार’ की जगह ‘राज्यपाल’ और ‘संविधान सभा’ की जगह ‘विधानसभा’ करना संविधान के साथ धोखाधड़ी है. प्रगतिशील तबकों से एकजुटता दिखाने की अपील करती हूं.’’
राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया है. पक्ष में 125 वोट और 61 वोट विपक्ष में पड़े. इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पर वोटिंग के दौरान कुछ तकनीकी खराबी आ गई. अब मशीन की बजाय पर्ची से वोटिंग कराई जा रही है. सभी सदस्यों को पर्ची बांटी जा रही है.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को रद्द करने के फैसले के बाद पड़ोसी राज्य पंजाब ने माहौल बिगाड़ने वाले किसी तरह के जश्न या प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस को राज्य में गड़बड़ी पैदा करने की पाकिस्तान की किसी कोशिश को नाकाम करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगे पंजाब के जिलों में सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया.
कांग्रेस के असम से राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर कलिता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. कलिता ने ट्विटर पर ये जानकारी दी है. कलिता ने अपने इस्तीफे में बताया है कि पार्टी ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा में व्हिप जारी करने का निर्देश दिया था लेकिन उन्होंने कहा कि व्हिप जन-भावना के खिलाफ होती है. कलिता ने लिखा है कि कांग्रेस आत्महत्या कर रही है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कथित तौर पर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर की यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करके विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद तीनों सेनाएं किसी भी नतीजे से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर हैं.
डोभाल के दौरे के बाद संभावना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी संसद सत्र के खत्म होने के बाद घाटी का दौरा कर सकते हैं.
न्यूज एजेंसी IANS ने सूत्रों से बताया, जवानों की तैनाती अब भी जारी है और भारतीय वायुसेना के विमानों में असम, उत्तर प्रदेश और ओडिशा समेत कई राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है.
ये जवान पूरी कश्मीर घाटी में कानून प्रवर्तन प्रयासों में योगदान देंगे और सड़कों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों को रोकेंगे. कश्मीरी नेता जम्मू एवं कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने संबंधी कदम का विरोध कर रहे थे इसलिए उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया.
आर्टिकल 370 पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनकर अवैध कदम उठाया है. पाकिस्तान ने कहा, कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद वह सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करेगा.
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की सांसद वंदना चव्हाण ने राज्यसभा में कहा, एनसीपी इस बिल पर वोटिंग करने से परहेज करेगी.
NDA के प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने आर्टिकल 370 को खत्म करने के रिजॉल्यूशन का विरोध किया है. राज्यसभा में पार्टी के नेता राम नाथ ठाकुर ने कहा कि जेडीयू ने हमेशा कश्मीर मुद्दे को बातचीत से हल करने का पक्ष लिया है.
उन्होंने कहा, "मैं पार्टी और हमारे नेता नीतीश कुमार की ओर से गृह मंत्री द्वारा लाए गए बिलों का बहिष्कार करना चाहता हूं."
कश्मीर घाटी से निकाले गए हिंदू पंडितों ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य से विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. कश्मीरी पंडितों ने कहा कि इस फैसले के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब वह वापस अपने घर लौट पाएंगे.
जम्मू-कश्मीर विचार मंच के सदस्य मनोज भान ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि यह एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला है. कश्मीर के लोग जल्दी ही भारत सरकार के नजदीक आ जाएंगे. इसके साथ ही बनाए गए दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों की अर्थव्यवस्थाओं में तेजी देखने को मिलेगी."
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने अपने पूरे नेटवर्क पर रेड अलर्ट जारी किया है और यात्रियों से सुरक्षा जांच में सहयोग करने को कहा है, जिसमें सामान्य दिनों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है.
डीएमआरसी ने ट्वीट किया, "सुरक्षा एजेंसियों की सलाह के अनुसार, डीएमआरसी के पूरे नेटवर्क पर रेड अलर्ट लागू किया गया है, कृपया सुरक्षा जांच में अतिरिक्त समय की अनुमति दें."
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और डीजीपी, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के लिए आदेश जारी किया है कि सुरक्षाबलों और कानून व्यवस्था कानून करने वाली एजेंसियों को मैक्सिमम अलर्ट पर रखने के निर्देश तत्काल जारी किए जाएं.
राज्यसभा में आज गृह मंत्री द्वारा आर्टिकल 370 हटाने के संकल्प पेश करने के बाद शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने बांटीं मिठाइयां.
जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा, ''सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं. यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था. सभी को अपने स्वार्थों और राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिए.”
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''सीमा पर एक राज्य, जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से अलग है, आर्टिकल 370 के साथ बंधा हुआ था. वोट हासिल करने करने के लिए बीजेपी ने 3-4 चीजों को हटा दिया है. राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर के लिए लड़ेंगे और उसके साथ खड़े रहेंगे.''
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर कहा, ''हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि इससे राज्य में शांति आएगी और विकास होगा.''
एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, ''मुझे लगता है कि भारत सरकार को (कश्मीरी नेताओं को) भरोसे में लेना चाहिए था, जो उसने नहीं किया. इसके बाद उन्होंने यह (आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला) ले लिया.''
MDMK नेता वाइको ने राज्यसभा में कहा, ''मैं इस आर्टिकल 370 को हटाने के रिजॉल्यूशन का विरोध करता हूं. यह शर्मनाक दिन है, यह लोकतंत्र की हत्या है.''
पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोरबजी ने आर्टिकल 370 हटाने के सरकार के संकल्प पर कहा, ''यह राजनीतिक फैसला है हालांकि यह बुद्धिमानी भरा फैसला नहीं है.''
शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्यसभा में कहा, ''आज जम्मू और कश्मीर लिया, कल बलूचिस्तान, PoK लेंगे. मुझे विश्वास है कि देश के पीएम अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे.''
आर्टिकल 370 हटाने को लेकर भारत सरकार के ऐलान के बाद सेना और एयरफोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
बीजेडी सांसद प्रसन्न आचार्य ने राज्यसभा में कहा, ''सही मायने में आज जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बना है. मेरी पार्टी (आर्टिकल 370 को हटाने के) इस संकल्प का समर्थन करती है. हम क्षेत्रीय दल हैं, लेकिन देश पहले है.''
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''भारत सरकार के आज के एकतरफा और हैरान करने वाले फैसले उस भरोसे के साथ धोखा हैं, जिसे 1947 में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भारत पर जताया था.''
उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के दूसरे हिस्सों से कश्मीर घाटी में अर्धसैनिक बलों के 8,000 सैनिकों को भेजा जा रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''कांग्रेस ने 1952 और 1962 में इसी प्रक्रिया के तहत आर्टिकल 370 को संशोधित किया था. इसलिए प्रदर्शन करने के बजाए मुझे बोलने और चर्चा करने का मौका दिया जाए. आपके सभी संदेह और गलहफहमी दूर हो जाएंगे. मैं आपके सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं.''
राज्यसभा में बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, ''हमारी पार्टी पूरा समर्थन करती है. हम चाहते हैं कि बिल पास हो जाए. हमारी पार्टी आर्टिकल 370 बिल और किसी दूसरे बिल पर कोई विरोध नहीं जता रही है.''
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प पेश करने के बाद 2 पीडीपी सांसदों ने संविधान की प्रति फाड़ने की कोशिश की. इनमें से एक सांसद मोहम्मद फय्याज ने प्रदर्शन करते हुए अपना कुर्ता फाड़ दिया.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद में कहा, ''मैं (संविधान की कॉपी फाड़ने की कोशिश की) 2-3 सांसदों की गतिविधि का विरोध करता हूं. हम भारत के संविधान के साथ खड़े हैं. हम हिंदुस्तान के स्वाभिवान के लिए जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन बीजेपी ने आज संविधान की हत्या की है.''
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख विधानसभा के बिना केंद्र शासित प्रदेश होगा.''
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 को हटाने के लिए रिजॉल्यूशन पेश किया है. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए.
लेह में जनजीवन सामान्य तरीके से जारी है. स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में आज सामान्य तरीके से ही क्लास शुरू हुई हैं. इस इलाके में CrPC की धारा 144 लागू नहीं की गई है.
7 लोक कल्याण मार्ग पर आज सुबह हुई कैबिनेट बैठक के बाद कोई प्रेस ब्रीफिंग नहीं होगी. गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में बयान देंगे.
गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंच चुके हैं. वह आज सुबह 11 बजे राज्यसभा में और दोपहर 12 बजे लोकसभा में बोलेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान वह कश्मीर को लेकर बयान दे सकते हैं.
दिल्ली: 7 लोक कल्याण मार्ग पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है.
गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह 11 बजे राज्यसभा में और दोपहर 12 बजे लोकसभा में बोलेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान वह कश्मीर को लेकर बयान दे सकते हैं.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस देकर सभी कार्यवाही रोककर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की है.
कश्मीर में मौजूदा स्थिति के विरोध में पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और मीर मोहम्मद फय्याज काली पट्टियां बांधकर संसद पहुंचे.
श्रीनगर में CrPC की धारा 144 लागू होने के बाद तैनात किए गए अतिरिक्त सुरक्षाबल.
कश्मीर के मुद्दे पर आज राज्यसभा में सुबह 10 बजे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में विपक्ष के नेताओं की बैठक होगी.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने कश्मीर के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी और भुवनेश्वर कलिता ने भी कश्मीर मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
जम्मू-कश्मीर: गर्मियों की छुट्टियों के बाद लद्दाख में आज स्कूल सामान्य तरीके से ही खुलेंगे. यहां के कॉलेजों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भी क्लास सामान्य तरीके से ही चलेंगी. लद्दाख में CrPC की धारा 144 लागू नहीं की गई है.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''मैंने जम्मू-कश्मीर में विपदा की चेतावनी दी थी. लगता है कि सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है.''
जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर में आधी रात से CrPC की धारा 144 लागू होने के बाद कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था.
दिल्ली में पीएम आवास पर आज सुबह 9.30 बजे कैबिनेट की बैठक होगी. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार कैबिनेट की इस बैठक में कोई बड़ा फैसला ले सकती है. मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक ऐसे वक्त में बुलाई है जब जम्मू-कश्मीर को लेकर देश भर में सरगर्मी तेज हैं. ऐसे में सबकी निगाहें इस अहम बैठक पर टिकी हुई है.
जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने बताया कि जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “मैं खास तौर से पीर पंचाल और चिनाब घाटी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बारे में चिंतित हूं. ये क्षेत्र सांप्रदायिक हिंसा की कोशिशों के लिए बेहद संवेदनशील हैं. मुझे उम्मीद है कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती है कि कोई सांप्रदायिक समस्या न हो.
जम्मू की जिला मजिस्ट्रेट, सुषमा चौहान ने बताया कि जम्मू में 5 अगस्त को सुबह 6 बजे से धारा 144 अगले आदेशों तक लागू किया जाएगा.
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा, हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए. हर किसी को शुभकमानाएं, सुरक्षित रहें और सबसे जरुरी, कृपया शांति बनाए रखें’’
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को उनके घरों में नजरबन्द कर दिया गया है. पुलिस अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है, क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा.
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’’
जम्मू यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता विनय तुषु ने बताया कि 5 अगस्त 2019 को यूनिवर्सिटी बंद रहेगी. ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की जो सभी परीक्षायें 5 अगस्त, 2019 को होनी थी, उन्हें रद्द कर दिया गया है. इन परीक्षाओं की अगली तारीखों का ऐलान बाद में किया जाएगा.
उधमपुर जिले में भी 5 अगस्त से अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. डोडा जिले में 5-6 अगस्त को शैक्षिक संस्थान बंद रहेंगे.
इंदु कंवल चिब, उपायुक्त रियासी (जम्मू और कश्मीर) ने बताया कि रियासी जिले में धारा 144 लगाई गई है, एहतियात के तौर पर सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को 5 अगस्त से अगले आदेश तक बंद रखा जाएगा.
5 अगस्त (सोमवार) की मध्यरात्रि से श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दिया गया है, जो अगले आदेश तक जारी रहेगा. इस दौरान लोगों के एक जगह इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा और सभी शैक्षिक संस्थान भी बंद रहेंगे. इस आदेश के लागू होने के बाद जिले में किसी भी तरह की जनसभा या रैलियां आयोजित करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, " ऐसे कठिन समय में, मैं अपने लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहती हूं कि चाहे जो भी हो, हम सब एक साथ हैं और इसका मुकाबला करेंगे. जो कुछ भी हमारा अधिकार है उसके लिए कोशिश करने के लिए हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं तोड़नी चाहिए."
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “मुझे लगता है कि मुझे आज आधी रात से घर में नजरबंद रखा जा रहा है और यह प्रक्रिया मुख्यधारा के अन्य नेताओं के साथ भी शुरू हो चुकी है. यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है. लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा”
श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला के घर पर चल रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में शाह फैसल और सज्जाद लोन की पार्टी भी शामिल हुई.
कलहाना सोसायटी के महासचिव सतीश महलदार ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में मौजूदा तनाव के मद्देनजर घाटी में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भरोसा दिलाना जरूरी है कि उनके साथ कोई अनहोनी नहीं होगी.
महलदार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "अल्पसंख्यकों को डर है कि निहित स्वार्थ और नुकसान के लिए उनके खिलाफ सुनियोजित प्रयास किए जा सकते हैं. इसलिए उनका अनुरोध है कि उनके डर को दूर करने के लिए सरकार व आम लोगों के साथ-साथ धार्मिक और राजनीतिक नेताओं को भी आश्वस्त करने वाला संदेश देना चाहिए."
जम्मू-कश्मीर में जारी तनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के घर पर सर्वदलीय बैठक चल रही है. इससे पहले सभी दल एक होटल में बैठक कर रहे थे, लेकिन पुलिस की एडवाइजरी के कारण नहीं कर पाए थे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर में “अनिश्चितता और तनावपूर्ण” स्थिति को लेकर चिंता वयक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विशेष दर्जे से होने वाली किसी भी छेड़छाड़ का विरोध करेगी. एनसी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की घाटी की स्थिति पर चर्चा के लिए साढ़े चार घंटे तक बैठक चली. बैठक की अध्यक्षता पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने की.
बैठक के बाद एनसी के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी कश्मीर के लोगों में विश्वास बहाली के लिए “प्रभावी और तत्काल” कदम उठाने की मांग करती है. उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए की रक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए तैयार है.
लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के मुखिया शरद यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35A के खिलाफ चाल चल रही है. यह देश की एकता के लिए ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती करके कृत्रिम खतरा पेश कर रही है. यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, "केंद्र सरकार का जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए से खिलवाड़ करने का कदम खतरनाक है और यह देश के लिए अच्छा नहीं है."
कश्मीर घाटी में सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए पर्यटकों के बाद अब क्रिकेटरों को भी कश्मीर घाटी छोड़ने को कहा गया है. जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम के मेंटॉर और पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान सहित कई क्रिकेटरों को कश्मीर छोड़ने को कहा है.
अधिकारी ने कहा, "हम इरफान और अन्य सहयोगी स्टाफ की देखरेख में प्री-सीजन ट्रेनिंग कर रहे थे. ये मैच घरेलू सत्र के लिए टीम में खिलाड़ियों के चयन में मदद करेंगे. लेकिन शनिवार को यह फैसला किया गया कि कश्मीर (यह जगह) छोड़ देनी चाहिए और सुरक्षा के हालात ठीक होने के बाद ही वापस लौटना चाहिए."
कश्मीर घाटी में मौजूदा हालत पर चर्चा के लिए राज्य के प्रमुख सियासी दलों की रविवार शाम को श्रीनगर में अहम बैठक हो रही है. कश्मीर में अतिरिक्त बलों की तैनाती और अमरनाथ यात्रियों और तीर्थयात्रियों को सुरक्षा कारणों से घाटी छोड़ने के प्रशासनिक आदेश के बाद आम लोगों के साथ ही सियासी दल भी सरकार के कदम को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने यहां एक होटल में मुलाकात का फैसला किया था, लेकिन पुलिस ने होटल से अपने परिसर में किसी तरह की राजनीतिक बैठक की इजाजत नहीं देने को कहा है.
उन्होंने कहा, “राजनीतिक दलों ने एक होटल में बैठक का फैसला किया था. लेकिन, पुलिस ने सभी होटलों को एक परामर्श जारी कर कहा कि वो अपने परिसरों में राजनीतिक बैठकें आयोजित न होने दें. अब हम मेरे घर पर शाम को इस बैठक का आयोजन कर रहे हैं.”
सुरक्षा खतरों के कारण कश्मीर घाटी से अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का लौटना जारी रहने के बीच ‘एयर इंडिया’ ने बताया कि उसने श्रीनगर से दिल्ली के बीच विमानों का अधिकतम किराया कम कर दिया है.
नेशनल एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एयर इंडिया ने अधिकतम किराया 9,500 रुपए से कम कर दिया है. श्रीनगर से दिल्ली आने के लिए 15 अगस्त तक अधिकतम किराया 6,715 रुपए और दिल्ली से श्रीनगर जाने के लिए अधिकतम किराया 6,899 रुपए रहेगा.’’
जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है. राज्य सरकार ने आतंकी हमलों की आशंका के चलते सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी करके अमरनाथ यात्रियों से अपनी यात्रा जल्द खत्म करने के लिए कहा है.
श्रीनगर शहर और गांदरबल, बडगाम, पुलवामा, कुलगाम, बारामूला, शोपियां, कुपवाड़ा और सोपोर जिलों में एटीएम खाली हो चुके हैं, क्योंकि लोगों में डर है कि किसी भी वक्त अनिश्चिकालीन कर्फ्यू लग सकता है और इसलिए उन्होंने एटीएम से धड़ाधड़ पैसे निकाल लिए.
श्रीनगर के सबसे बड़े अस्पताल एमएमएचएस हॉस्पिटल के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. निसार शाह ने बताया, "आपातकालीन स्थितियों के लिए एंबुलेंस को तैयार रखा गया है. हमें ताकीद की गई है कि अस्पताल के क्वार्टर में रहें या अस्पताल के आसपास रहें, ताकि किसी भी वक्त मरीजों को देख सकें."
ब्रिटेन के बाद जर्मनी ने भी अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर की यात्रा न करने के लिए एक यात्रा परामर्श जारी किया है और कश्मीर घाटी या अमरनाथ यात्रा मार्ग से लगे इलाकों में रुके लोगों से राज्य छोड़ने के लिए कहा है. जर्मनी ने कहा है, "कश्मीर यात्रा की सख्त मनाही."
परामर्श में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर राज्य में हाल के दशकों में और हाल के दिनों में बम हमले हुए हैं, जिसमें कई लोग मारे जा चुके हैं."
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया, आज श्रीनगर एयरपोर्ट 6126 यात्रियों ने घाटी से बाहर यात्रा के लिए आए. इसमें से 5829 यात्रियों ने 32 शेड्यूल फ्लाइट से यात्रा की. बाकी 387 यात्रियों को 4 भारतीय वायुसेना के विमानों में समायोजित किया गया और जम्मू, पठानकोट के लिए रवाना किया गया.
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार गोलीबारी की खबर आ रही है. शाम करीब 8:15 बजे पाकिस्तान ने पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार दागे और गोलीबारी की. भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है.
भारतीय सेना ने केरन सेक्टर में पिछले 36 घंटों में पाकिस्तानी बैट (बॉर्डर एक्शन टीम) के घुसपैठियों की कोशिश को नाकाम कर दिया. BAT टीम के 5 से 7 सैनिकों को मार गिराया गया. उनके शव एलओसी पर पड़े हैं, भारी गोलीबारी के कारण अभी तक उन्हें वापस नहीं लिया गया है.
जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों और यात्रियों के लिए जारी सुरक्षा सलाह के बाद श्रीनगर से आने और जाने के हवाई किराए में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इक्सिगो के सह-संस्थापक रजनीश कुमार ने बताया, "श्रीनगर के लिए और वहां से जानेवाली उड़ानों के हवाई किराए में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है."
कुमार ने आगे कहा कि राज्य में अशांति के कारण आने वाले हफ्तों में पर्यटन बुकिंग में गिरावट आएगी.
ब्रिटेन की सरकार ने जम्मू कश्मीर की यात्रा करने वाले अपने नागरिकों के लिए शनिवार को नया यात्रा परामर्श जारी किया. कश्मीर में सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए नागरिकों से सतर्कता बरतने और ताजा घटनाओं से वाकिफ रहने को कहा गया है.
जम्मू-कश्मीर के हालात पर राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, “ये आम बात है. बिना बात की अफवाह फैलाई जा रही है. अगर लाल चौक पर कोई छींक भी देता है, तो लोग उसे धमाका समझते हैं. खासकर कुछ राजनीतिक दल अनावश्यक डर का माहौल फैला रहे हैं.”
सिक्योरिटी एडवाइजरी पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा को देखने की जिम्मेदारी हमारी है. यहां लाइन पार करने के लिए बहुत सारे आतंकवादी लाइन में बैठे हैं और उनमें से ज्यादातर आत्मघाती हमलावर हैं. अगर कुछ होता है, तो इसके बुरे परिणा पूरे देश में होंगे. हम उससे बचना चाहते हैं.
विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने तीर्थयात्रा के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों की ओर से खतरे का हवाला देते हुए आगामी वार्षिक बूढ़ा अमरनाथ यात्रा शनिवार को रद्द करने का ऐलान किया. जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में विहिप की ओर से आयोजित 10 दिन की यह यात्रा छह अगस्त से शुरू होनी थी.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को एक साथ आना चाहिए ताकि केंद्र को एक संदेश दिया जा सके कि वो जम्मू-कश्मीर के विशेष अधिकार के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. जम्मू-कश्मीर में कई घटनाक्रमों से लोगों में डर पैदा हो गया है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सही बात नहीं बता रही है.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारतीय वायुसेना से अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने का अनुरोध किया है. सरकार ने वायुसेना से यात्रियों को जम्मू, पठानकोट या दिल्ली जैसे स्थानों पर छोड़ने के लिए कहा है.
एनसी नेता उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि फोर्स मूवमेंट खतरे की आशंका का सामना करने के लिए है, इसका संबंध किसी संवैधानिक प्रावधान में बदलाव से नहीं है. इसके अलावा उन्होंने इस प्रतिनिधिमंडल को बताया है कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अमरनाथ यात्रा पर हमले के विश्वसीय इनपुट थे.
एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने के बाद कहा, ''हम जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं. जब हम अधिकारियों से पूछते हैं तो वे कहते हैं कि कुछ हो रहा है, लेकिन कोई यह नहीं जानता कि असल में क्या हो रहा है.''
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने के बाद एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैंने गवर्नर साहब से कहा कि कश्मीर में आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370 और डिलिमिटेशन पर बात हो रही है. इन मुद्दों पर गवर्नर ने हमें भरोसा दिलाया है कि किसी तरह के ऐलान की तैयारी नहीं चल रही है. गवर्नर ने कहा है कि उनकी तरफ से एक बयान जारी किया जाएगा. हम पार्लियामेंट से सुनना चाहते हैं कि यहां के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. हम सरकार से जवाब पाने की कोशिश करेंगे. मैं भारत सरकार से सुनना चाहूंगा कि लोगों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है.''
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने राजभवन पहुंचे.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से अमरनाथ यात्रियों के लिए जारी की गई एडवायजरी के बाद श्रीनगर में अफरा-तफरी का माहौल है. वहां कई रास्ते जाम होने लगे हैं. कुछ बड़ा होने की आशंका में श्रीनगर के मूल निवासी राशन, पेट्रोल और जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुटे हैं. इस बीच ATM और पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगी हैं.
किश्तवाड़ डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर अंग्रेज सिंह राणा ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल मचैल माता यात्रा को रोक दिया गया है.
श्रीनगर के डीएम शाहिद चौधरी ने NIT के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा- " तेज अफवाहों के मद्देनजर, सभी संस्थानों के प्रमुखों को सजग रहने की सलाह दी गई थी. किसी भी संस्थान को बंद करने के लिए कोई सलाह / निर्देश नहीं दिया गया था. यह NIT नोटिस साफ तौर पर गलतफहमी का नतीजा है."
एनआईटी श्रीनगर ने अगले आदेश तक अपने यहां क्लासों को बंद कर दिया है. संस्थान में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के छात्र पढ़ते हैं.
जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस ऑफिसर शाह फैसल ने कहा, "हम राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिले. संकट की इस घड़ी में राज्य का समूचा राजनीतिक नेतृत्व एकजुट है."
राजयपाल से मिलने के बाद पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, "हमने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें बताया कि आर्टिकल 35A के साथ छेड़छाड़ की खबरें हैं, जो कि ठीक नहीं है. हालांकि राज्यपाल ने जो जवाब दिए, उनसे हम संतुष्ट नहीं हैं.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार देर रात राजनीतिक नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की और दोहराया कि "संविधान के आर्टिकल 35A को निरस्त करने की कोई योजना नहीं है", जो जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है.
जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि एक असल सुरक्षा उपाय को उन मुद्दों के साथ मिलाया जा रहा है, जिनके साथ उन मुद्दों का कोई संबंध नहीं है. मलिक ने उनसे मुलाकात करने आए प्रतिनिधि मंडल से अनुरोध किया कि वे अपने समर्थकों से कहें कि अलग-अलग मुद्दों को एक दूसरे के साथ न मिलाएं, शांति बनाए रखें और चारों ओर फैलाई जा रही अफवाहों पर भरोसा न करें.
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल ने प्रतिनिधि मंडल को सूचित किया कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के बारे में विश्वसनीय इनपुट मिले थे. उन्होने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों को सुरक्षा दे. इसलिए, एहतियाती कदम के तहत अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को वापस लौटने के लिए कहा गया है.
जम्मू-कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बशीर अहमद खान ने कहा, “घाटी में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है, और ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है. शनिवार को स्कूल बंद नहीं होंगे. क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए, गृह विभाग ने विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर एडवाइजरी जारी की थी.”
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार देर रात महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल, सज्जाद लोन और इमरान अंसारी सहित अन्य नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इन नेताओं ने घाटी के घटनाक्रम पर राज्यपाल से मिलने की मांग की थी.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरलाइंस को निर्देश जारी किया है कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर श्रीनगर से पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को लेकर अतिरिक्त उड़ानों के लिए तैयार रहना होगा.
जम्मू कश्मीर में मौजूदा हालातों के मद्देनजर एयर इंडिया ने 15 अगस्त तक श्रीनगर से या श्रीनगर के लिए अपनी सभी उड़ानों को रिशेड्यूल किए जाने या रद्द किए जाने पर पूरा किराया लौटाने का फैसला किया है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा की हालिया घटनाक्रम की वजह से यहां डर का माहौल है. मैंने लोगों में ऐसी घबराहट कभी नहीं देखी. एक तरफ गवर्नर साहब कहते हैं कि स्थिति सामान्य है. दूसरी तरफ, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.