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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अलीगढ़ (Aligarh) का एक सरकारी स्कूल पिछले 9 सालों से बिन प्रिंसिपल के ही चल रहा है. स्कूल का प्रिंसिपल बिना अनुमति के पिछले 9 साल से नदारद था, उसके बाद भी उसको सरकार की तरफ से वेतन मिलता रहा. इसमें कई सालों ना कहीं बेसिक शिक्षा विभाग की मिलीभगत सामने आ रही है. यह मामला जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलियानपुर रानी विकास खंड क्षेत्र अतरौली अलीगढ़ का है.
अलीगढ़ के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि
अलीगढ़ की तहसील इलाके के गांव कलियानपुर रानी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के वेदपाल सिंह नाम के अध्यापक ने बताया है कि वह जुलाई 2007 से इस स्कूल में पढ़ा रहा है. अप्रैल 2014 में सीनियरिटी के आधार पर स्कूल के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार को नियुक्त किया गया. लेकिन, प्रिंसिपल होने के बाद प्रदीप कुमार 13 अप्रैल 2014 से लगातार बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहा है, जिसके संबंध में बीएसए ऑफिस में लगातार पत्राचार करके कार्रवाई के लिए सूचित भी किया गया.
इसके बाद भी डिपार्टमेंट के द्वारा शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया गया. पिछले 9 वर्षों से संबंधित अध्यापक बतौर प्रिंसिपल अनुपस्थित रहने के बावजूद भी सरकार से सैलरी लेता आ रहा है. वेदपाल के मुताबिक वह बिना किसी ऑथेंटिक लेटर के स्कूल के लेखा-जोखा को संभाले हुए हैं, जिससे कि स्कूल का माहौल खराब न हो.
यहां सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसे शिक्षक के विरुद्ध अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या बिना अनुमति स्कूल में अनुपस्थित रहकर 9 वर्षों से लिए गए वेतन पर कोई कार्रवाई होगी?
(इनपुट- मुकेश गुप्ता)
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