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"मेरा 10 बेड का हॉस्पिटल फूंक डाला. दवाइयां-ओपीडी सब में आग लगा दी. मेरा परिवार भी वहीं रहता है. संयोग अच्छा था कि 4-5 दिन पहले मैं परिवार सहित ससुराल आया था. लेकिन ज्वैलरी-कपड़े सब जल गए"
ये कहना है डॉक्टर हाजी एम. रजा का. बहराइच में सांप्रदायिक दंगे के दौरान उनके हॉस्पिटल में तोड़फोड़-आगजनी की गई. क्विंट हिंदी ने डॉक्टर हाजी से बात की. यूपी के बहराइच में 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद हुआ. पत्थर फेंकने का आरोप लगा. पुलिस के मुताबिक, इसी दौरान गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई. अगले दिन यानी 14 अक्टूबर को स्थिति और भी ज्यादा खराब होती दिखी. लखनऊ से एसटीएफ चीफ और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश और सचिव गृह संजीव गुप्ता को बहराइच भेजना पड़ा.
क्विंट हिंदी ने पीड़ित परिवार, प्रशासन और ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टर्स से बात की. बताते हैं कि आखिर सांप्रदायिक हिंसा की वजह क्या है? युवक की मौत के बाद प्रशासन कितना मुस्तैदी था?जिम्मेदार कौन है?
हॉस्पिटल, बाइक शोरूम से लेकर हाईवे पर गाड़ियों में आगजनी की गई है. लाठी-डंडों से लैस सैकड़ों की भीड़ पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सड़कों पर मार्च करती दिखी. एसटीएफ चीफ अमिताभ यश हाथ में गन लिए भीड़ को खदेड़ते दिखे. सड़कों पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात दिखा. यह सबकुछ 14 अक्टूबर को हुआ.
बहराइच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हजारों की भीड़ एक मकान के सामने हाथ में भगवा झंडा और लाठी लिए धार्मिक नारे लगा रही है. एक युवक मकान के उपर चढ़कर हरा झंडा हटाकर भगवा झंडा लहरा रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह युवक रामगोपाल मिश्रा है जिसकी मौत हो चुकी है.
बहराइच के महसी में रविवार, 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद शुरू हुआ. जुलूस एक मुस्लिम इलाके से गुजर रहा था. हिंदू संगठन का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने पहले पत्थरबाजी की. फिर गोली चलाई गई. इसमें एक युवक रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गयी जबकि 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं.
पुलिस ने स्थिति काबू करने के लिए कुछ जगहों पर लाठीचार्ज भी किया. हालांकि अगले दिन यानी 14 अक्टूबर को विवाद और भी ज्यादा हिंसक हो गया.
बहराइच में अगले दिन यानी 14 अक्टूबर को मृतक रामगोपाल मिश्रा का शव लेकर सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए. उनमें कईयों के पास लाठी-डंडे थे. पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. बहराइच-सीतापुर हाइवे पर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने हत्या में शामिल लोगों के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
बहराइच के महाराजगंज में लखनऊ सेवा नाम के हॉस्पिटल में तोड़फोड़ और आगजनी भी की. क्विंट हिंदी ने हॉस्पिटल के मालिक और डॉक्टर हाजी एम. रजा से बात की. उन्होंने बताया, 10 बेड के इस हॉस्पिटल को एक साल पहले ही खोला था और वो पर्सनल काम से बाहर गए थे और इस वजह से 4-5 दिन से हॉस्पिटल बंद था.
इतना ही नहीं इस हॉस्पिटल के बगल में मौजूद एक बाइक शोरूम को भी आग के हवाले कर दिया गया है.
पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की है. इसमें 6 नामजद और 4 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. मृतक के भाई ने आरोप लगाया है कि रामगोपाल मिश्रा मुर्ति विसर्जन देखने महराजगंज इलाके में गया था. यहां आरोपी रामगोपाल को पकड़कर घर के अंदर ले गए और गोली मार दी. साथ ही तलवार के कई वार किए गए जिससे रामगोपाल की मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिस ने दसों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की ये धाराएं लगाई हैं:
BNS 191(2): दंगे के अपराध के लिए सजा
BNS 191(3): गैर-कानूनी सभा में घातक हथियार के साथ हिंसा
BNS 190: कानून के उल्लंघन के लिए समूह बनाना
BNS 103(2): भेदभावपूर्ण इरादे से भीड़ द्वारा हत्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था अमिताभ यश और गृह सचिव संजीव गुप्ता को मौके पर मौजूद रहने का निर्देश दिया. सूचना है कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए बहराइच में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
(इनपुट: धर्मेंद्र राजपूत)
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