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यूपी सरकार ने निजी और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रापर्टीज ऑर्डिनेंस-2020 पारित किया है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में राजनीतिक जुलूसों, अवैध प्रदर्शन, हड़ताल और बंद के दौरान उपद्रवियों की ओर से किए गए नुकसान की भरपाई के लिए निर्देश जारी किए थे. उसी संबंध में ये अध्यादेश मंत्रिपरिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया है.
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जल्द ही नियमावली बनेगी जिसमें सारी चीजें स्पष्ट की जाएंगी. इस सवाल पर कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में लगे कथित उपद्रवियों की तस्वीर वाले पोस्टर 16 मार्च तक हटाने के आदेश दिए हैं, ऐसे में क्या यह नियमावली उससे पहले बन जाएगी. खन्ना ने कहा ''नियमावली 16 तक कैसे आ सकती है. वह भी कैबिनेट से पास होती है.''
इस मौके पर राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कथित दंगाइयों के होर्डिंग लगाने को एक पुराने शासनादेश (जीओ) के तहत उठाया गया कदम करार दिया और कहा कि इसके जरिये अदालत का ही सम्मान किया जा रहा था.
दरअसल, 19 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी लखनऊ में जमकर हिंसा हुई थी. इसके बाद लखनऊ जिला प्रशासन ने उग्र प्रदर्शन के मामले में आरोपी 57 लोगों की तस्वीर और निजी जानकारी वाले होर्डिंग जगह-जगह लगवाए. उनमें से कई को सबूतों के अभाव में जमानत मिल चुकी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका स्वत: संज्ञान लिया और इसे निजता का हनन करार देते हुए सरकार को 16 मार्च तक होर्डिंग हटाने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर किस कानून के तहत उसने वो होर्डिंग लगवाए हैं. मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी.
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