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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
कई दिनों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार बीजेपी नेता चिन्मयानंद को 20 सितंबर की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद पर एक साल तक शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है. वहीं यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने भी कहा है कि चिन्मयानंद को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. लेकिन इस मामले पर अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है. चिन्मयानंद के खिलाफ जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, उसमें कहीं रेप का जिक्र नहीं है. हम आपको समझाते हैं क्या है ये पेंच.
चिन्मयानंद पर चार आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इनमें एक धारा है धारा-376C. इस धारा का मतलब है, "कोई अधिकारी, लोक सेवक, छात्रों की संस्था का प्रबंधक, अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, ऐसी कोई स्त्री जो उसकी कस्टडी में हो या परिसर में उपस्थित है, उस स्त्री को अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करने लिए स्थित का दुरुपयोग करता है, तो उस व्यक्ति को पांच साल या दस साल की जेल की सजा और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा."
पीड़िता के आरोप के आधार पर चिन्मयानंद केस में आईपीसी की धारा-376(2) के तहत इन प्रावधानों से जुड़ा मामला दिखता है.
ऐसे मामले में आरोप साबित होने पर आरोपी को कम से कम दस साल या उम्रकैद की सजा हो सकती है.
एसआईटी ने दावा किया है कि चिन्मयानंद ने लगभग सारे आरोप मान लिए हैं और साथ ये भी माना है कि पीड़ित लड़की को मसाज के लिए बुलाया था. प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने कहा, चिन्मयानंद को मसाज (मालिश) की वीडियो क्लिपिंग भी दिखायी गयीं, जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''जब आपको सब पता ही चल गया है तो मुझे कुछ नहीं कहना. मैं अपना अपराध स्वीकारता हूं और इसके लिए शर्मिंदा हूं.''
उन्होंने बताया कि एसआईटी ने मोबाइल कॉल डिटेल के डिजिटल रिकॉर्ड और टोल टैक्स प्लाजा के फुटेज हासिल किए और इस तरह एसआईटी कड़ी से कड़ी जोड़ कर इस मामले में यहां तक पहुंची है.
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