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उत्तर प्रदेश के एटा जिले के कोतवाली देहात थाना अंतर्गत हसनपुर गांव में एक दलित व्यक्ति के लिंग पर धारदार हथियार से हमले और उसकी गर्भवती पत्नी पर हमले की घटना में एक नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने अभी इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है. वहीं, दूसरी तरफ गांव के कई दलित परिवारों के घरों के बाहर "यह मकान बिकाऊ है" लिख गया है.
दरअसल, 14 जून को ठाकुर समाज के दो लोगों पर दलित युवक सतेंद्र जाटव का प्राइवेट पार्ट काटने और उनकी गर्भवती पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला करने का आरोप लगा था. इस मामले में अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. अब इन्हीं दबंगों के ऊपर पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि इन लोगों की धमकियों से परेशान होकर वो लोग गांव छोड़ने को मजबूर हैं.
पीड़ित सतेंद्र ने मामले की शिकायत 20 जून को एटा के SSP उदय शंकर सिंह से की. इसके बाद भी अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
14 जून को पीड़ित के खेत से आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर और सतेंद्र उर्फ भूरे ठाकुर के द्वारा बबूल का पेड़ काटने का आरोप लगा था. इसके बाद आरोपियों में झगड़ा हो गया था.
पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने उसका प्राइेट पार्ट काटने का प्रयास किया था, जिससे प्राइवेट पार्ट में चोटें आई थीं और 12 टांके भी लगे. इस दौरान बीच-बचाव करने आई गर्भवती महिला के ऊपर भी कुल्हाड़ी से हमला करते हुए मारपीट की गई थी.
सतेंद्र जाटव ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए बताया कि "हम इन लोगों की वजह से गांव को पहले ही छोड़ चुके हैं. मेरी पत्नी मवेशी लेकर रिश्तेदारों के घर रहने चली गई है. गांव में मेरा परिवार का चचेरा भाई संतोष रहता था. आरोपियों ने उसको भी धमकाया, जिसके बाद उसने भी आपना गांव छोड़ दिया."
हसनपुर गांव में संतोष जाटव मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं.
हसनपुर गांव के रहने वाले मानपाल ने बताया कि...
हसनपुर के ही रहने वाले दिनेश चंद्र बताते हैं कि उन्होंने 20- 25 साल पहले गांव छोड़ दिया था. गांव में कभी-कभी खेती करने आते हैं. "गांव की दबंग लोग खेती-बाड़ी तक नहीं करने देते हैं. कभी-कभी यह जबरदस्ती खेत की फसल भी काट लेते. यह लोग हमें धमकी देकर दबाव बनाते हैं कि हम खेत बेचकर चले जाएं. इसको लेकर अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन अमीर लोगों के सामने गरीब आदमी की कहां कोई सुनता है"
इस मामले के गवाह सुरेश ने बताया कि "इन दबंग आरोपियों के घर पर करीब एक महीने पहले चोरी की घटना हुई थी. इन लोगों (आरोपियों) ने कहा तुम लोग क्यों गवाही दे रहे हो? अगर तुम लोग गवाही दोगे तो चोरी के मुकदमे में जेल भेजवा देंगे. इन लोगों की नेताओ से भी अच्छी पहचान है. आरोपी अब भी खुले घूम रहे हैं और धमकी दे रहे हैं."
आरोपियों के परिवार पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज है.
पीड़ित सत्येंद्र ने बताया कि "प्राइवेट पार्ट के जख्मी होने के बाद टांके लगे थे, जो पक गए हैं. पुलिस ने अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. मुझे बताया गया है कि हमारे घर के बाहर पुलिस ने दो सिपाही तैनात कर दिए हैं."
कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक शंभूनाथ सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में अभी तक ऐसी घटना मेरे संज्ञान में नहीं आई है. मैंने अभी तक वायरल पोस्ट भी नहीं देखा है.
वहीं, सीओ सिटी विक्रांत द्विवेदी कहते हैं कि...
वहीं, सीओ सिटी विक्रांत द्विवेदी ने कहा, "पीड़ित के घर के पास एक पुलिस पिकेट की तैनाती की गई है. पुलिस लगातार गश्त कर रही है. वो लोग खुद ही गांव छोड़कर चले गए हैं. मौजूदा वक्त में जो स्थिति बनी हुई है, उसमें गांव के ही कुछ लोग मिले हुए नजर आते हैं, जिन्होंने घरों पर ये लिख दिया है कि "ये घर बिकाऊ है" शांति व्यवस्था बनी हुई है.
(इनपुट- शुभम श्रीवास्तव)
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