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उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और नोएडा में ‘पुलिस कमिश्नर सिस्टम’ को मंजूरी दे दी है. सोमवार को कैबिनेट की बैठक के बाद इस फैसले को मुहर लग गई है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस पुलिस कमिश्नर सिस्टम की मांग की जा रही थी. हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है.
सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि एडीजे लेवल के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे. उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी. आदित्यनाथ ने कहा,
बता दें कि इस फैसले के बाद लखनऊ में सुजीत पांडेय की कमिश्नर पद पर तैनाती की गई है. वहीं, आलोक सिंह नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं.
पुलिस कमिश्नर सिस्टम के पीछे का तर्क ये है कि इसे लागू करने से जिले की लॉ एंड ऑर्डर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकार नियुक्त किए गए पुलिस कमिश्नर के पास होंगे. पुलिस कमिश्नर सिस्टम में डिप्टी एसपी से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट लेवल का पावर होता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गौर सिटी में रहने वाले गौरव चंदेल की 6 जनवरी की रात हत्या हो गई थी. जिसके बाद से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में थी.
गौरव चंदेल की हत्या में पुलिस को अब तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. हालांकि इसी बीच सरकार ने चंदेल के परिवार को 20 लाख रुपये का चेक दिया है. दूसरी ओर पुलिस के काम पर सवाल उठाते हुए इलाके के लोग विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च कर रहे हैं. ऐसे में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लोगों की सुरक्षा को लेकर भी अब पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस कमिश्नर सिस्टम से उम्मीद की जा रही है कि अब लोगों की सुरक्षा को लेकर कुछ अहम कदम उठाए जाएंगें.
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