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गुरूवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था. अटल जी की जन्मभूमि जहां मध्यप्रदेश थी, वहीं उत्तरप्रदेश कई सालों तक उनकी कर्मभूमि रही. अब उत्तरप्रदेश सरकार ने उनकी यादों को संजोने के लिए चार जगहों पर अटल स्मृति स्मारक बनाने की घोषणा की है.
आगरा के पास बटेश्वर अटल बिहारी के पुरखों का घर है. उनके पिताजी कृष्ण बिहारी वाजपेयी मुरैना होते हुए ग्वालियर आए थे. यहां उनके पिताजी शिक्षा विभाग में नौकरी करते थे. आज भी उनके खानदान के लोग यहां रहते हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी की शुरूआती शिक्षा श्योपुर और ग्वालियर में हुई. ग्वालियर से ग्रेजुएशन करने के बाद वे एमए और एलएलबी करने डीएवी कॉलेज कानपुर चले गए. कानपुर से ही उन्होंने संघ में प्रचारक के रूप में सक्रिय भूमिका शुरू की थी. इस प्रकार कानपुर अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षाभूमि है.
अटल बिहारी 1954 में उपचुनाव लखनऊ से उपचुनाव लड़े. लेकिन हार गए. इसके बाद 1957 के लोकसभा चुनावों में वे बलरामपुर, लखनऊ, मथुरा की तीन सीटों से चुनाव लड़े. जनसंघ अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय उन्हें हर हाल में संसद पहुंचाना चाहते थे. मथुरा से उनकी जमानत जब्त हो गई. लखनऊ में भी अटल चुनाव हार गए. लेकिन बलरामपुर से अटल बिहारी चुनाव जीतनें में कामयाब रहे. इस तरह वे पहली बार बलरामपुर से सांसद चुने गए.
लखनऊ से अटल बिहारी का खास नाता रहा. शुरूआती दो चुनाव यहां से हारने के बाद 1991 में वाजपेयी लखनऊ में पहली बार जीते. इसके बाद वे 5 बार यहां से सांसद रहे. 2004 में आखिरी बार भी वाजपेयी यहीं से जीतकर संसद पहुंचे थे.
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