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UP Police Constable Exam Question Paper Leak: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की जांच में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की मेरठ यूनिट को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. STF के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के गुरुग्राम जिले के एक रिसोर्ट में 1000 से 1500 अभ्यर्थियों को इकट्ठा कर यूपी पुलिस कांस्टेबल प्रश्न पत्र मुहैया कराया गया.
इसको लेकर एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें जमीन पर बैठे अभ्यर्थी एक कागज में से कुछ पढ़ते हुए देखे जा सकते हैं. नकल के इस पूरे इंतजाम के पीछे हरियाणा के रहने वाले दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल और उसके साथी की भूमिका निकलकर सामने आ रही है.
इस पूरे मामले में पुलिस ने हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले एक आरोपी महेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी कर ली है.
इससे एक बात साफ होती नजर आ रही है कि नकल माफियाओं के तार सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े हैं. एसटीएफ के इस खुलासे के बाद कई राज्यों के नकल माफियाओं के तार आपस में जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
17 और 18 फरवरी 2024 को हुए उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ की कई टीम में जांच कर रही है. इसी दौरान मेरठ में पेपर लीक मामले से जुड़े कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई. एसटीएफ की पूछताछ के दौरान पेपर लीक कनेक्शन हरियाणा से जुड़ता हुआ नजर आया. जांच आगे बढ़ी तो कई भेद बाहर आने शुरू हो गए और अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा के दो दिन पहले यानी 15 फरवरी की शाम को गुड़गांव के एक रिसॉर्ट में बसों में भरकर अभ्यर्थी लाए गए. इन अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन जमा कर लिए गए.
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, लगभग 1000 से 1500 अभ्यर्थियों को 18 फरवरी को होने वाली उत्तर प्रदेश कांस्टेबल परीक्षा के दूसरी पाली का परीक्षा प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी (Answer Key) मुहैया कराया गया. अभ्यर्थियों को निर्देश दिए गए कि प्रश्न पत्र पढ़कर सारे उत्तर रट लें. जांच कर रही एसटीएफ की टीम को एक वीडियो भी मिला है जो गुड़गांव के मानेसर के उस रिजॉर्ट का बताया जा रहा है जहां पर 'नकल की पाठशाला' लगी थी.
अभ्यर्थियों से संपर्क स्थापित करने से लेकर उनको रिसोर्ट ले जाने तक का पूरा जिम्मा दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल विक्रम पहल ने ले रखा था. हरियाणा की जींद जिले का रहने वाले कांस्टेबल विक्रम का इस काम में सहयोग कर रहा था उसका साथी महेंद्र शर्मा.
एसटीएफ के सूत्रों की माने तो रिसोर्ट में आए हर अभ्यर्थी से ₹7 लाख की मांग की गई थी जो उन्हें परीक्षा खत्म होने के बाद देना था. इसके एवज में इन अभ्यर्थियों की ओरिजिनल मार्कशीट जमा कर ली गई थी जो पैसा देने के बाद वापस दे दिया जाता.
जांच के दौरान एसटीएफ को पता चला कि कांस्टेबल विक्रम और उसके साथी महेंद्र को यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा का प्रश्न पत्र रवि अत्री और अभिषेक शुक्ला नाम के दो शख्स से मिला था. इन दोनों संदिग्धों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार ग्रेटर नोएडा का रहने वाला रवि अत्री रोहतक से एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान गिरफ्तार हुआ था. मई 2015 में ऑल इंडिया प्री मेडिकल एंड प्री डेंटल टेस्ट (AIPMT) परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें एक रवि अत्री भी था. हरियाणा पुलिस ने उस समय दावा किया था कि यह गैंग पहले की परीक्षाओं के पेपर लीक मामले से भी जुड़ा हुआ था.
रवि का साथी अभिषेक शुक्ला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले का रहने वाला है. दोनों एक दूसरे को कैसे जानते हैं और उनको उत्तर प्रदेश कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का लीक पेपर किसने मुहैया कराया, इसको लेकर एसटीएफ की जांच जारी है.
एसटीएफ के मेरठ यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया, "रवि और अभिषेक की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ इस जांच की अंतिम कड़ी हो सकती है. हमारी टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है."
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