यूपी में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) की प्रारंभिक परीक्षा के कथित पेपर लीक (Paper Leak) का मामला अभी थमा नहीं था कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradeh) अब कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर विवादों में घिर गया है.
क्या है मामला?
17 और 18 फरवरी को 60 हजार से अधिक पदों के लिए तकरीबन 48 लाख अभ्यर्थियों ने कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा दी. इसी दौरान सोशल मीडिया पर परीक्षा में आए प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी (Answer Key) टेलीग्राम पर पहले से उपलब्ध होने का दावा किया जाने लगा है.
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अराजक तत्वों द्वारा ठगी के लिए टेलीग्राम की "Edit" सुविधा का प्रयोग कर सोशल मीडिया पर पेपर लीक संबंधी भ्रम फैलाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार से जब इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि परीक्षा कराने से लेकर चयन तक की प्रक्रिया गोपनीय होती है.
"इस मामले में जो भी कार्यवाही करनी होगी, वह पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा."डीजीपी प्रशांत कुमार
परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर पेपर लीक का दावा
सोशल मीडिया यूजर्स ने "X" दावा किया यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन यानी 17 फरवरी को दूसरी पाली का पेपर लीक हो गया था. "X" यूजर विवेक कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि एक अभ्यर्थी ने उत्तर कुंजी (Answer-Key) की फोटो भेजी है जो उसे 17 फरवरी की सुबह प्राप्त हो गई थी. उस अभ्यर्थी ने शाम की पाली में परीक्षा दी थी. यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और "X" पर इसे 14 हजार से ज्यादा बार 'रिपोस्ट' किया जा चुका है.
संभावित पेपर लीक के दावे के साथ एक दूसरे ट्वीट में एक वीडियो अटैच है. इसमें दावा किया जा रहा है कि परीक्षा में आए प्रश्न पत्र और टेलीग्राम पर पहले से उपलब्ध उत्तर कुंजी हू-बहू मिल रही थी. इस वीडियो में प्रश्न पत्र में आए सवाल और उत्तर कुंजी में मौजूद सही जवाबों को दिखाते हुए पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है.
पेपर लीक के दावे के बीच भर्ती परीक्षा कराने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक खंडन अब सामने आया है.
संभावित पेपर लीक पर विपक्ष ने खोला मोर्चा
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पेपर लीक की अफवाहों के बीच सरकार पर हमलावर है.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पेपर लीक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह ढाई करोड़ लोगों के साथ धोखा है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेपर लीक मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने आरोप लगाते हुए 'X' पर लिखा कि अकेले यूपी में एक दर्जन से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके है, जिससे करोड़ों की संख्या में युवाओं का सपना टूटा है.
राहुल गांधी ने कहा है कि, "सरकार की इस आपराधिक लापरवाही की कीमत लाखों छात्र अपना करियर तबाह कर चुका रहे हैं. डबल इंजन सरकार युवाओं के सपनों पर डबल मार है."
पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पेपर लीक के दावों की निष्पक्ष जांच कर मामले में मुकदमा और परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है.
व्यवस्था में खामियों से परेशान परीक्षार्थी
उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में 2,385 केंद्र बनाए गए थे. 17 और 18 फरवरी को चार शिफ्ट आयोजित इस परीक्षा में हर शिफ्ट में 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. हालांकि इस दौरान कई जगह गड़बड़ियां भी सामने आई. वाराणसी के एक केंद्र पर अभ्यर्थियों को बिना छपाई का सादा प्रश्न पत्र मिला. वाराणसी में तीन और केंद्रों पर आधी अधूरी छपाई के साथ प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों को बांटे गए. हंगामों के बीच अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी गई. पुलिस भर्ती बोर्ड ने भी इस मामले का संज्ञान ले लिया है.
पुलिस भर्ती प्रक्रिया व्यवस्था में खामियों के कारण कई अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. जिन अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र महोबा जिले का राजकीय इंटर कॉलेज था, उनके पास परीक्षा से एक दिन पहले सेंटर बदलाव होने का मैसेज आया. उनका सेंटर बदलकर राजकीय इंटर कॉलेज, मिर्जापुर कर दिया गया. परीक्षा के कुछ घंटे पहले ही सेंटर बदलने के निर्णय से अभ्यर्थियों के होश उड़ गए.
महोबा से सेंटर बदलकर मिर्जापुर किए जाने का मैसेज प्राप्त होने के बाद महोबा परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने हंगामा करते हुए जिलाधिकारी आवास पहुंच गए. परीक्षार्थियों की समस्या के बारे में अधिकारियों ने पुलिस भर्ती बोर्ड को अवगत कराया. बाद में पुलिस भर्ती बोर्ड ने यह साफ किया कि केंद्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिन तक परीक्षा केंद्र के यथावत होने की जानकारी सही समय तक नहीं पहुंच पाई और वह महोबा के बजाय मिर्जापुर पहुंच गए.
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