advertisement
यूपी के बाराबंकी (Barabanki) में 5 फरवरी को सैकड़ों लोगों को कथित रूप से 'जबरन धर्मांतरण' कराने की कोशिश के आरोप में 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और चर्च के फादर डोमिनिक पिंटो सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बाराबंकी के नविंथा प्रेयर सेंटर और सेंट मैथ्यू कॉलेज के पास के चर्च में बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना सभा में शामिल हुए. सभा में गरीब तबके के 150-200 के संख्या में लोग मौजूद थे. ये सभी लोग फादर डोमिनिक पिंटो और दूसरे लोगों को सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे.
फिलहाल, देवा बाराबंकी पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज किया है. इसमें फादर पिंटो, सूरज प्रसाद गौतम, पवन कुमार और सुनील पासी का नाम शामिल है.
इन धाराओं में केस दर्ज...
धारा 3 (गलत बयानी, बल, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक)
धारा 5 (1) (धारा 3 का उल्लंघन करने पर सजा)
विश्व हिंदू परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य राजेश कुमार सिंह से द क्विंट ने बातचीत की. राजेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया "वे गरीब लोगों को पैसे का लालच दे रहे थे, धर्मांतरण के लिए बरगला रहे थे. पैसे या सामान का लालच देकर किसी का भी धर्मांतरण कराना गैर-कानूनी है."
राजेश कुमार सिंह लखनऊ और उसके आसपास के सभी जिलों के प्रमुख हैं.
उन्होंने कहा कि "ऐसे संगठन हिंदुओं के बीच फूट डालने के मकसद से अफवाह फैलाते हैं. वह उन्हें भड़काने के लिए कहते हैं कि हिंदू आपको अपने ही मंदिरों में घुसने नहीं देते. धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत यह अनुमान लगाया गया है कि व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्मांतरण नहीं करते हैं बल्कि शातिर लोगों के जरिए जबरदस्ती या छल का इस्तेमाल करके उनका धर्मांतरण किया जाता है."
राजेश ने ऐसे घटनाओं को एक बड़ा षड्यंत्र करार दिया, लेकिन इस बारें में विस्तार से कुछ नहीं बताया.
राजेश कहते हैं..
"यह षड्यंत्र बड़े पैमाने पर चल रहा है. धर्मांतरण संगठनों को विदेशी फंडिंग मिलती है. इनका मकसद जाति के आधार पर हिंदूओं को तोड़ना है, जिससे देश भी खंडित हो. इन संगठनों के पीछे कई बड़े नाम शामिल हैं जो एक दिन सबके सामने आएगा."
हालांकि, फंडिंग के आरोपों के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर वह नाराज हो गए और टेलीफोन पर हुई बातचीत के मुताबिक खफा लग रहे थे.
घटना से जुड़ी और जानकारी के लिए द क्विंट ने देवा बाराबंकी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर मनोज कुमार सोनकर से बात की.
इंस्पेक्टर मनोज ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि, "यह एक 'बलपूर्वक धर्मांतरण'का मामला है. वे गरीब लोगों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करा रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. "
FIR में शिकायतकर्ताओं में बजरंग दल के एक सदस्य, अखंड प्रताप सिंह का नाम भी शामिल है. अखंड प्रताप सिंह जिला अध्यक्ष हैं.
द क्विंट से बात करते हुए अखंड प्रताप सिंह ने कहा, "लगभग 300-350 लोग इकट्ठा हुए थे और 20-25 ईसाई आए थे और वे गरीब और कमजोर लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे थे. हमने ऐसे आयोजनों को पहले भी रोका है लेकिन इस बार का आयोजन एक बड़े पैमाने पर किया जा रहा था इसलिए हमने दखल देना जरूरी समझा."
ब्रिजेश कुमार द्वारा क्विंट को भेजे गए एक वीडियो में सभा में उपस्थित लोगों में से एक ने कहा, "मैं गरीब हूं और मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं केवल प्रार्थना करने के लिए कानपुर से यहां आया हूं. हमें जाने दिजिए, जबरन धर्म परिवर्तन की यहां कोई कोशिश नहीं हो रही है."
दूसरे वीडियो में, विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यकर्ता द्वारा पादरी से यह पूछे जाने पर कि उनका असल काम क्या है, पादरी ने जवाब दिया- "हमारा काम ईसाइयों का ख्याल रखना है और कुछ नहीं. हम स्कूल भी चलाते है और रविवार को प्रार्थना सभा भी आयोजित करते हैं. लोग आते हैं, प्रार्थना करते हैं और फिर चले जाते हैं. बस इतना ही. "
सोमवार को PTI के अनुसार ASP सीएन सिन्हा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि " दोपहर में सेंट मैथ्यू कॉलेज के पास स्थित नविंथा प्रेयर सेंट और चर्च में 100 से ज्यादा लोग धर्मांतरण के लिए बाराबंकी के देवा इलाके में आएं. यह कार्यक्रम फादर डोमिनिक पिंटो की देखरेख में हो रहा था."
सिन्हा ने बताया कि कथित धर्मांतरण की कोशिश की सूचना हमें एक टिप से मिली, जिसके आधार पर पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और पाया कि लोगों को पैसे और भोजन का लालच देकर बसों में लाया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)