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उत्तर प्रदेश में जीका वायरस (Zika Virus) अब कानपुर से राजधानी लखनऊ तक पहुंच गया है. इस वायरस के दो मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक, वेद व्रत सिंह ने बताया कि लखनऊ के हुसैनगंज और एलडीए कॉलोनी इलाकों में एक-एक जीका वायरस का मामले सामने आए हैं.
लखनऊ में जीका वायरस के संक्रमितों के नमूनों का परीक्षण किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में किया गया और रिपोर्ट गुरुवार शाम को आई. लखनऊ में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के आधिकारिक प्रभारी, के.पी. त्रिपाठी ने कहा, "दोनों मरीज (लखनऊ में) स्थिर हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं है. हमने करीबी संपर्को के नमूने लिए हैं और उनके घरों के आसपास फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे करवाए हैं, इससे ज्यादा नमूने लिए जाएंगे।"
मरीजों में से एक लखनऊ के हुसैनगंज इलाके का रहने वाला साल का व्यक्ति है, दूसरी राज्य की राजधानी में कानपुर रोड पर कृष्णा नगर इलाके की 24 साल की युवती है.
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा कि जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की गई है, इसके फैलने का प्रमुख कारण कानपुर चकेरी एयरबेस कैंप में पाया गया पहला मामला है. प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों का भी वायरस पॉजिटिव आया है. अब सर्विलांस के जरिए संवेदनशील समूहों की जांच कर पहचान की जा रही है।
मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी मच्छर द्वारा प्रेषित वायरस के कारण होने वाली एक वेक्टर जनित बीमारी, जीका वायरस के लक्षणों में हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं, यह वही मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया फैलाता है. जीका वायरस का संक्रमण ज्यादातर लोगों में कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं और खासकर नवजात बच्चे के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है, इससे पहले केरल और महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आए थे.
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