Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सवर्ण आरक्षण: मेरे सरकार, रिजर्वेशन दे रहे हैं, पर नौकरी है कहां?

सवर्ण आरक्षण: मेरे सरकार, रिजर्वेशन दे रहे हैं, पर नौकरी है कहां?

क्या आपको पता है कि प्राइवेट सेक्टर और सरकारी सेक्टर में कितनी नौकरियां हैं? और कैसे सिकुड़ती जा रही हैं?

अभय कुमार सिंह
भारत
Updated:
10% सवर्ण आरक्षण: सरकार रिजर्वेशन तो दे रहे हैं,नौकरियां कहां हैं?
i
10% सवर्ण आरक्षण: सरकार रिजर्वेशन तो दे रहे हैं,नौकरियां कहां हैं?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की पहल मोदी सरकार ने कर दी है. अब ये सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का कदम है या चुनावी स्टंट, इस पर बहस जारी है. लेकिन इस बीच आपसे मेरे कुछ सवाल हैं:

  • क्या आपको पता है कि प्राइवेट सेक्टर और सरकारी सेक्टर में कितनी नौकरियां हैं?
  • इनमें से कितनी सरकारी नौकरियों पर आरक्षण मिलता है?
  • क्या आपने सरकार की तरफ से किसी नेता, मंत्री या किसी अधिकारी को ऐसी संख्या को बताते, पढ़ा, देखा या सुना है?

आपका जवाब होगा 'नहीं', क्योंकि मोदी सरकार 5 साल में ऐसी कोई ठीक-ठाक व्यवस्था ही नहीं बना सकी है कि सही-सही संख्या आपको पता चल सके. लेकिन सरकारी नौकरियों में आरक्षण का 'लॉलीपॉप' थमा दिया गया. तो चलिए जरा नौकरियों की गिनती कर ली जाए.

18% नौकरी पर ही है आरक्षण

इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली (EPW) के सरकारी आंकड़ों पर बेस्ड एक रिपोर्ट बताती है देशभर में जितनी नौकरियां हैं, उनमें से सिर्फ 18 फीसदी पर ही कोटा अप्लाई होता है. मतलब करीब 1 करोड़ 54 लाख नौकरियां. इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की हर लेवल की नौकरियां शामिल हैं.

आपको ये भी पता होगा कि कुछ राज्य सरकार की नौकरियों में स्थानीय स्तर पर भी प्राथमिकता दी जाती है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2012 में कुल 856 लाख सैलरी पाने वाले कर्मचारी थे. इनमें खेती-किसानी से जुड़े लोगों को शामिल नहीं किया गया था. इस 856 लाख का 70 फीसदी यानी 600 लाख प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां कर रहे हैं.

मतलब सिर्फ 256 लाख लोग सरकारी सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं. कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, अब असली झटका तो ये है कि इन 256 लाख सरकारी नौकरियों में से 40 फीसदी नौकरियां कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर हैं, जिन पर रिजर्वेशन लागू नहीं होता. और करीब 60 फीसदी यानी 154 लाख सरकारी नौकरियां ही ऐसी हैं, जिन पर ये सारे आरक्षण लागू होते हैं.

मतलब समझ रहे हैं आप? 'मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी' जो हैं, उनमें से सिर्फ 1 करोड़ 54 लाख नौकरियों पर ही आरक्षण लागू होता है.

आग का दरिया है, डूबकर जाना है...

अब ये सरकारी नौकरियां कैसे मिल रही हैं, आपने ये सुना ही होगा- ये इश्क नहीं आसां, आग का दरिया है डूब कर जाना है. इसमें इश्क की जगह सरकारी नौकरी पढ़िए. मतलब कि ये नौकरी नहीं आसां, आग का दरिया है डूबकर जाना है.

इसका उदाहरण आप कुछ साल में हुई SSC परीक्षाओं, यूपी में शिक्षक भर्ती और रेलवे भर्ती की परीक्षाओं में देख सकते हैं. अगर आप मेधावी छात्र हैं, तो आपको कुछ दरियाओं (स्तर) से होकर गुजरना पड़ता है

  • मेधावी कैंडिडेट हैं आप, पहले नौकरी की तैयारी करेंगे
  • फिर कोई फॉर्म भरकर एडमिट कार्ड का इंतजार करेंगे
  • इसमें देरी होगी, फिर आपको आंदोलन करना पड़ेगा
  • खुशनसीब रहे, तो परीक्षा दे पाएंगे
  • फिर आंदोलन करेंगे, तो रिजल्ट आएगा
अब रिजल्ट आ गया, तो ये मत समझिए कि नौकरी मिल गई, फिर किसी विवाद को लेकर कोर्ट में मामला जाएगा और फाइनली अति भाग्यशाली रहे, तो आपको नौकरी मिल सकेगी. इसे आप व्यंग्य समझ सकते हैं, लेकिन सच्चाई भी यही है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या नौकरियों की संख्या बढ़ पाएगी?

10 फीसदी आरक्षण पर ये भी कहा जा रहा है कि सरकारी कॉलेजों में 10 लाख सीटें भी बढ़ाई जाएंगी, ऐसा ही उस वक्त हुआ था, जब साल 2007 में यूपीए सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में OBC के लिए आरक्षण की शुरुआत की थी. लेकिन क्या इसी तर्ज पर नौकरियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी?

आंकड़े तो कुछ और ही गवाही दे रहे हैं. नौकरियां बढ़ नहीं रहीं, घटती जा रही हैं. EPW की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल नौकरियों में से सरकारी नौकरियों का 23.2 फीसदी शेयर जो 2004-05 में था, वो 2011-12 में घटकर 18.5% फीसदी पर आ गया.

अब आप बताइए कि इन चुटकीभर नौकरियों के लिए, जो लगातार घट भी रही हैं, उनके लिए आरक्षण देना 'लॉलीपॉप' से कम है क्या?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 08 Jan 2019,05:59 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT