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रविवार, 28 नवंबर को यूपी टीईटी (UP-TET 2021) का पेपर लीक हो गया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में युवाओं के भविष्य पर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है.
UP-TET की यह परीक्षा दो पालियों में होनी थी, जिसमें कुल मिलाकर 21 लाख से ज्यादा परीक्षार्थीयों को शामिल होना था. इस पेपर लीक कांड में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन बड़ी मछलियों का क्या?
टीचर बनने की तैयारी करने वाले उत्तर प्रदेश के लाखों परीक्षार्थी, शिक्षक भर्ती का इंतजार पिछले कई महीनों से कर रहे थे क्योंकि भर्ती जल्दी नहीं आती है.
जब शिक्षक भर्ती का फॉर्म आया भी तो परीक्षा होने से पहले ही पेपर लीक हो गया जिससे लाखों परीक्षार्थियों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
कॉम्पटेटिव एग्जामों में कई बार तो फाइनल रिजल्ट और ज्वाइनिंग लेटर आते-आते सालों गुजर जाते हैं. ऐसे में पेपर लीक होने की ये घटना बहुत ही चिंताजनक है जिससे सूबे के युवाओं का मुस्तकबिल अंधेरे में नजर आ रहा है.
जिस तरह से पेपर लीक होने का घटनाक्रम बना, उन स्थितियों को देखते हुए सरकारी व्यवस्था पर कुछ सवाल उठते हैं...
सूत्रों की मानें तो UPTET पेपर लीक की सूचना एसटीएफ के पास रात में ही पहुंच गई थी. सुबह परीक्षा प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर भी आ गए लेकिन परीक्षा रद्द होने की घोषणा पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के बाद की गई. सरकार को परीक्षा रद्द करने में इतना समय क्यों लगा?
जिस तरह से पेपर लीक होने की घटना हुई है उसमें परीक्षा कराने वाली एजेंसी के अलावा सरकार के बड़े कर्मचारी भी जांच के घेरे में हैं. हर बार परीक्षा लीक मामले में छोटी मछली को पकड़ कर जेल भेज दिया जाता है लेकिन मुख्य सरगना तक जांच नहीं पहुंच पाती है, क्या इस बार भी यही होगा?
परीक्षा रद्द होने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार का बयान आया कि परीक्षार्थियों को वापस उनके गंतव्य स्थान तक जाने के लिए निःशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके लिए उन्हें सरकारी बसों में अपना एडमिट कार्ड दिखाना होगा. हालांकि अभ्यर्थियों का कहना था कि बस में उन्हें पूरा किराया देकर ही यात्रा करनी पड़ी. सरकार की नाकामियों का खामियाजा कब तक आम जनता भुगतेगी?
सरकार का कहना है कि यह परीक्षा दोबारा एक महीने के अंदर कराई जाएगी लेकिन अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं कि कुछ दिनों में आचार संहिता लागू हो जाएगी और यह परीक्षा दोबारा बहुत जल्द नहीं हो पाएगी, क्या सरकार ने फिर से परीक्षार्थियों को भ्रम में रखा है?
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