मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Urdunama: प्यार के पड़ाव का हिस्सा 4: 'विसाल' या 'मिलन' के लिए शायर की उलझन

Urdunama: प्यार के पड़ाव का हिस्सा 4: 'विसाल' या 'मिलन' के लिए शायर की उलझन

मिर्ज़ा ग़ालिब, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और अन्य लोगों के लिखे गए कुछ बेहतरीन शेर पढ़ने के लिए इस पॉडकास्ट को सुनें

फ़बेहा सय्यद
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Urdunama: प्यार के पड़ाव का हिस्सा 4: 'विसाल' या 'मिलन' के लिए शायर की उलझन</p></div>
i

Urdunama: प्यार के पड़ाव का हिस्सा 4: 'विसाल' या 'मिलन' के लिए शायर की उलझन

(फोटो - क्विंट हिंदी)

advertisement

अगर आपने अब तक उर्दूनामा (Urdunama) पढ़ा है तो अब तक शायर के गुस्से और खुशी की वजहों को समझ गए होंगे. आम तौर पर यह मसला-ए-हिज्र-ओ-विसाल-ए-यार यानी प्रेमी के साथ अलगाव और मिलन की समस्याएं हैं, जो शायर को रात में जगाए रखती हैं और जिससे वह प्यार करता है उसके साथ अपने भविष्य की फिक्र करता है.

अपने प्रेमी से मिलने की यह इच्छा कभी-कभी उसे उम्मीद देती है, लेकिन अक्सर, यह इच्छा उससे यह उम्मीद दूर भी ले जाती है.

मिर्ज़ा ग़ालिब, अमजद इस्लाम अमजद, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और अन्य लोगों के लिखे गए कुछ बेहतरीन शेर पढ़ने के लिए इस पॉडकास्ट को सुनें, और 'विसाल' के बारे में लिखते वक्त इन शायरों की अलग-अलग भावनाओं के बारे में जाने.

प्यार के पड़ावों पर इस विशेष सीरीज के पहले तीन एपिसोड में फबेहा सय्यद ने नजर, कशिश और हिज्र के बारे में बात की.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT