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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी का एक मामला सामने आया है. अलीगढ़ के बन्नादेवी थाना इलाके में बीजेपी के एक युवा नेता की बाइक से ट्रैफिक इंस्पेक्टर की सरकारी गाड़ी टकराने को लेकर विवाद हो गया, इसके बाद कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया और इंस्पेक्टर के साथ सरेआम मारपीट की.
ये पूरा मामला अलीगढ़ में NH-91 पर मालवीय पुस्तकालय के पास हुआ. ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के साथ बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,
बीजेपी के युवा कार्यकर्ता अनुराग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने शराब पी हुई थी. इनकी गाड़ी की रफ्तार ज्यादा थी और ब्रेक मारने पर गाड़ी स्लिप हो गई. कार्यकर्ता ने कहा, "2 घंटे तक हमने पुलिस प्रशासन से बात की, पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया तो हमने रोड ब्लॉक किया. हम ट्रैफिक इंस्पेक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई चाहते हैं."
हालांकि, ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने शराब की बात को खारिज किया है. उन्होंने कहा, "मुझपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने शराब पी, जबकि मैंने आज तक शराब की एक बूंद अपनी जुबां पर नहीं रखी. मेरे साथ मारपीट की, मेरे कपड़े फाड़े." उन्होंने पुलिस से भी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अलीगढ़ की पुलिस इतनी "नपुंसक पुलिस" है. आपको बता दें कि ये पूरी घटना पुलिस की मौजूदगी में ही हुई.
अलीगढ़ एसपी ट्रैफिक मुकेश चन्द्र उत्तम ने कहा कि 25 अक्टूबर की देर शाम एक मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक के मालिक के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर 2 लोगों के खिलाफ नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा पुलिस के भी ट्रैफिक इंस्पेक्टर के नशे में होने की बात को खारिज किया है.
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