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उत्तर प्रदेश पुलिस ने आजमगढ़ के एक शख्स को फिलिस्तीन के समर्थन में घरों पर झंडा लगाने की अपील वाले फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया है. हालांकि आजमगढ़ के सरायमीर मुहल्ले के रहने वाले यासिर अख्तर के परिवार का कहना है कि फेसबुक पोस्ट भारत के लिए नहीं बल्कि गाजा की एक खबर थी.
गिरफ्तार शख्स का नाम यासिर अख्तर है. यासिर कई सालों से फेसबुक पर आजमगढ़ एक्स्प्रेस और सरायमीर एक्स्प्रेस नाम से एक फेसबुक पेज चलाते हैं.
यासिर के छोटे भाई शाहिद ने क्विंट से बात करते हुए बताया,
शाहिद बताते हैं तब तक किसी ने पुलिस में शिकायत कर दी थी, जिसके बाद सुबह 10 बजे के करीब पुलिस आई और उन्हें थाने बुलाया. थाने पर जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
आजमगढ़ पुलिस ने इस मामले पर अपना बयान जारी किया है. एसपी आजमगढ़ ने लिखा है,
शाहिद कहते हैं कि हमारा घर थाने से बिल्कुल नजदीक है और इतने सालों से फेसबुक पेज चला रहे हैं, कभी ऐसी कोई बात नहीं हुई.
शाहिद कहते हैं, “जब यासिर भाई ने एक और फेसबुक पोस्ट कर ये साफ कर दिया था कि फेसबुक पर लिखी बात भारत के लिए नहीं बल्कि गाजा के लिए थी, फिर गिरफ्तारी का मतलब नहीं बनता है.”
यासिर के दोस्त और समाजिक कार्यकर्ता आसिफ कहते हैं कि यासिर ने अपने पोस्ट में कभी ये बात नहीं लिखी की भारत में लोग झंडा लगाएं. आसिफ आगे कहते हैं,
बता दें कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत यासिर के खिलाफ एफआईर दर्ज किया है.
लेकिन यहां पर ये भी देखनी होगी कि अगर यासिर फिलिस्तीन के समर्थन में झंडा लगाने की अपील कर भी देता तो क्या उसपर वर्गों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाले बयान के रूप में एफआईआर होना चाहिए?
इसपर हमने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड, अनस तनवीर से बात की.
अनस कहते हैं,
एडवोकेट अनस तनवीर कहते हैं कि जब ब्राजील और फ्रांस या किसी भी देश के साथ फुटबॉल या कोई भी मैच होता है लोग उन देशों के समर्थन में झंडा लगाते हैं, सपोर्ट करते हैं, तो क्या आप उन्हें जेल में डाल देंगे? नहीं. भारत के दुशमन देश को छोड़कर किसी और का झंडा लगाने पर गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है. हां, अगर कोई अपने देश भारत के झंडे का अपमान करता है तब कानून में सजा का प्रावधान है."
बता दें कि फलिस्तीन और इजरायल में लड़ाई के बीच ही भारत ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठाई थी. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरूमूर्ति ने कहा कि गाजा पट्टी में होने वाले रॉकेट हमलों की भारत कड़ी निंदा करता है. साथ ही दोनों देशों से तत्काल तनाव खत्म करने की अपील करता है.
इससे पहले भी भारत ने आजादी के बाद से अपने गैर औपनिवेशिक रणनीति के अंतर्गत फिलिस्तीनियों के स्व निर्णय के अधिकार का समर्थन किया है. भारत पहला गैर अरब देश था जिसने पेलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन(PLO) को फिलिस्तीनी नागरिकों का अकेला वैधानिक प्रतिनिधि माना था.
1938 में महात्मा गांधी ने कहा था “फिलिस्तीन अरब वासियों का उतना ही है जितना इंग्लैंड अंग्रेजों का और फ्रांस फ्रैंचो का”.
फिलहाल यासिर के परिवार वाले उनके बेल के लिए वकील से बातचीत कर रहे हैं.
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