advertisement
उत्तर प्रदेश के बागपत (Uttar Pradesh, Baghpat) में आरएसएस (RSS) संघचालक के बेटे का शव पेड़ से लटका मिला है. 22 साल के अक्षय की मौत का आरोप पुलिस वालों पर लग रहा है. आरोप है कि पुलिस के खौफ से अक्षय ने ये कदम उठाया. मौत की खबर सुनकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने शव के साथ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और घंटों हंगामा चलता रहा. जिस वजह से कई थानों की फोर्स मौके पर बुलाई गई.
आरएसएस खंड (ब्लॉक) संघचालक और मृतक के पिता श्रीनिवास की शिकायत पर एक एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और दूसरी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
दरअसल, बीए का छात्र अक्षय अपनी मां के साथ सोमवार दोपहर जिले के बिनोली थाना क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में आयोजित वैक्सीनेशन कैंप में गया था. वैक्सीन की कमी कहिए या जो, अक्षय अपनी मां को पहले वैक्सीन लगवाना चाहता था. लाइन में लगने को लेकर अक्षय और पुलिस के बीच कहासुनी शुरू हो गई. अक्षय और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां तैनात दो पुलिसकर्मियों के साथ विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट शुरू हो गई.
वैक्सीन सेंटर पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थानीय थाने को सूचना दी थी. जिसके बाद पब्लिक सर्वेंट को इसके काम में बाधा डालने और मारपीट करने के आरोप में अक्षय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में, अक्षय की तलाश में पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने घर में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट की और परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया.
इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. गांव वाले आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे. स्थिति का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. आक्रोशित ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की. विरोध रात भर जारी रहा और सोमवार की सुबह शव का अंतिम संस्कार किया गया जब 11 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन हाजिर किया गया और बाद में उनमें से पांच पर मामला दर्ज किया गया.
इंस्पेक्टर चन्द्रकान्त पांडेय, एसएसआई उधम सिंह तालान, सिपाही अश्वनी, हेड कॉन्स्टेबल सलीम और सिपाही मुरली के खिलाफ धारा 147, 148, 323, 427, 306 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.
बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि मृतक के पिता की शिकायत के आधार पर पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया था और बाद में अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया गया. एसपी अभिषेक सिंह ने कहा, "वैक्सीन सेंटर पर विवाद के बाद, प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा. परिवार ने एक शिकायत में आरोप लगाया है कि पुलिस के अत्याचारों से परेशान अक्षय ने अपनी जान दे दी. पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है." पुलिस का यह भी दावा है कि टीकाकरण केंद्र पर हुए विवाद के दौरान अक्षय ने एक हेड कांस्टेबल को बेरहमी से पीटा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)