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उत्तर प्रदेश के कानपुर में शिखर पान मसाला के मालिक और कथित इत्र कारोबारी पीयूूष जैन (Piyush Jain) किस राजनीतिक दल से जुड़ा है? क्या वो बीजेपी नेताओं का करीबी है या फिर समाजवादी पार्टी से रिश्ता? डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस की रेड में पीयूष जैन के घर से 194.45 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद रुपये मिले हैं, जिसके बाद से ये सवाल उठ रहे हैं. पीयूष जैन को लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम और पूर्व सीएम के बीच बहस छिड़ी हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 28 दिसंबर को कानपुर मेट्रो के उद्घाटन के दौरान पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर से करोड़ो रुपए बरामद किए जाने पर बिना नाम लिए अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (SP) पर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा,
लेकिन क्या पीएम का आरोप सही है? उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की माने तो पीयूष जैन बीजेपी से जुड़ा हुआ कारोबारी है. अखिलेश यादव ने उन्नाव में मीडिया से बात करते हुए कहा कि डिजिटल गलती की वजह से बीजेपी ने गलत जगह छापा मरवा दिया.
पीएम मोदी ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी अखिलेश यादव को घेरने की कोशिश की है. योगी आदित्यनाथ ने कहा,
लेकिन क्या इन आरोपों में अब तक कुछ साबित हो पाया है? जवाब है नहीं. पीयूष जैन का किसी भी राजनीतिक पार्टी से अभी तक कोई कनेक्शन निकल कर सामने नहीं आ पाया है.
दरअसल, बीजेपी ये आरोप समाजवादी पार्टी पर इसलिए लगा रही है क्योंकि अभी हाल ही में अखिलेश यादव ने अपनी चुनावी कैंपेन को ध्यान में रखते हुए समाजवादी इत्र लॉन्च किया था. समाजवादी इत्र पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन ने बनवाया था. जो समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं.
अबतक की जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी का इत्र लांच करने वाले पुष्पराज जैन और शिखर पान मसाला वाले पीयूष जैन के बीच भी कोई संबंध नजर नहीं आ रहा है. हां, दोनों का नाम अंग्रेजी के लेटर पी से है और दोनों जैन हैं. साथ ही दोनों का पैत्रिक घर कन्नौज है. लेकिन इन दोनों का बिजनेस या राजनैतिक संबंध नहीं है.
वहीं राजनीतिक रिश्ते की बात करें तो पीयूष जैन किस पार्टी से जुड़ा है इसे लेकर किसी भी दल ने ठोस सबूत नहीं दिए हैं जिससे पता चल पाए कि असल में पीयूष जैन आधिकारिक तौर पर किस पार्टी से जुड़े हुए हैं.
फिलहाल पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भैजा गया है. वहीं पीयूष जैन ने जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशालय (DGGI) से कहा है कि उनके परिसर से जब्त किए गए कैश को टैक्स और जुर्माना काटकर वापस कर दिया जाए. आरोपी पीयूष जैन के वकील ने कोर्ट से कहा कि वह डीजीजीआई (Directorate General of GST Intelligence) को निर्देश दें कि पीयूष पर बकाया 52 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में काट लें और उसके बाद बचा हुआ पैसा उन्हें वापस कर दें.
राजनीतिक पार्टी से पीयूष जैन के रिश्ते को लेकर अभी सवाल उठ ही रहे थे कि अब इत्र कारोबारी होने पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, इत्र एंड परफ्यूमर्स एसोसिएशन ने पीयूष के इत्र कारोबारी होने से इनकार किया है. इत्र और परफ्यूमर्स एसोसिएशन की एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कहा गया है कि पीयूष जैन इत्र कारोबारी नहीं है और न ही इत्र एसोसिएशन के सदस्य हैं. साथ ही एसोसिएशन ने जांच की मांग की है.
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