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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले के मेरापुर थाने की पुलिस पर आरोप है कि शुक्रवार 24 जून की रात और शनिवार की रात करीब 1:30 पर गौतम नाम के युवक के घर पर दबिश करके पुलिस उसे पकड़ ले गई. इसके कुछ ही समय बाद गौतम की लाश उसके घर से 100 मीटर की दूर मिलती है. गौतम की मां लौंग श्री और भाई ऊदल ने थाना मेरापुर की पुलिस के ऊपर पीट-पीटकर करके हत्या करने का आरोप लगाया था. शनिवार 25 जून को मृतक गौतम के शव का पोस्टमार्टम हुआ.
अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह ने बताया कि परिजनों ने खुद ही अंतिम संस्कार किया है, पुलिस के ऊपर जबरदस्ती अंतिम संस्कार करवाने का आरोप लगाया गया है. वह बिल्कुल झूठ हैं. मामले में जांच चल रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी.
मृतक गौतम की शादी हो चुकी थी और उसके तीन बच्चे भी हैं. उसकी पत्नी के मुताबिक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है.
परिजनों का आरोप है कि देर रात पुलिस घर में घुसी और युवक को अपने साथ ले गई. अंधेरे में युवक को खूब पीटा, जिससे उसकी जान चली गई. इसके बाद जब चिल्लाहट सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मी भाग निकले.
पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अपने भाई की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने गए भाई ऊदल का मोबाइल बंद होने और पुलिस की ओर से उस पर कार्यवाही की आशंका से बहन ने पोस्टमार्टम के बाद गौतम का शव लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद में सीओ सिटी के समझाने पर परिजन माने और शव लेकर चले गए.
गौतम की बहन कपूरी ने बताया
मामले को तूल पकड़ता देख सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गये, जिसके उन्होंने परिजनों को बताया कि अब मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. तुम्हारे भाई ऊदल का मोबाइल बंद हो गया होगा, जिसके बाद में परिजन सीओ से भी बहस करते रहे. काफी मशक्कत के बाद सीओ के समझाने पर परिजन पुलिस के साथ शव लेकर चले गए.
गौतम की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में ग्रामीणों और गौतम के परिवार में पुलिस के खिलाफ गुस्सा तो भरा हुआ था. इसके अलावा उधर, मुकदमा दर्ज होने के बाद कॉपी न मिलने पर भाई ऊदल सिंह ने थाना मेरापुर के अंदर आत्महत्या करने का प्रयास किया. वहां पर मौजूद लोगों ने उसको जैसे-तैसे रोका, आखिर में भाई ऊदल ने बताया कि जब तक मुकदमे की कॉपी नहीं मिलेगी, तब तक वह थाने से नहीं जाएगा.
जैसे ही अधिकारियों को शव न उठने की जानकारी हुई तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गये. आनन फानन में पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापित और एएसपी अजय प्रताप से भाई ऊदल व बॉबी की कई बार नोकझोंक होती रही. वहीं दोनों भाई एवं परिवार के लोग रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही शव उठाने की जिद पर अड़े हुये थे. इसके बाद में एडीएम ने भरोसा दिया कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करेगी.
इस घटना से सहमे परिवार को ढांढस बधाने के लिए जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहा. मौके पर पहुची क्षेत्र की विधायक सुरभि गंगवार ने कहा कि मृतक के परिजनों को सहायता भी दिलवाई जाएगी. समाजवादी पार्टी में रहे पूर्व राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव व कायमगंज की विधायक सुरभि गंगवार के पति अजीत गंगवार भी दोपहर को वहां पहुंचे थे. उनके द्वारा भी परिजनों को बार बार समझाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अपनी जिद पर अड़े परिजन किसी की बात नही मान रहे थे.
मृतक गौतम का भाई ऊदल सहित परिजन थाने में मुकदमे की कॉपी लेने के लिए डटे रहे. इसके बाद डीएम संजय कुमार सिंह व एसपी ने मौके पर पहुंचकर लोगों से मामले की जानकारी ली. इसके अलावा तीन डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट न होने से विसरा सुरक्षित रख लिया गया है. शराब पीने की पुष्टि हुई है, कमर, कंधा व कोहनी सहित चार जगह चोटों के निशान मिले हैं.
पुलिस का खौफ गांव वालों के जहन में भरा हुआ था लेकिन जब आरोपी पुलिस कर्मियों के ऊपर मुकदम्मा दर्ज किया गया तो ग्रामीण भी दबी आवाज में बोले. गांव ब्रह्मपुरी में दबिश देने गई पुलिस ने शुक्रवार रात गौतम का दरवाजा तोड़ दिया और घर में रखा सामान इधर-उधर फेंक दिया. पड़ोसी सर्वेश का गेट व चारपाई तोड़ डाली, सत्यवीर के घर में घुसकर तोड़फोड़ की. इस दौरान घर में बच्चे व महिलाएं ही थीं. गिरीश चंद्र के घर में घुसी पुलिस ने कमरे में रखे बक्से को तोड़ा, सामान उठाकर फेंक दिया, पत्नी मीना के विरोध करने पर उसे धमकी दी गई.
गांव वालों ने बताया कि थाना पुलिस मेरापुर की वजह से पूर्व में गांव के कई लोग पलायन कर चुके हैं. ग्रामीणों का दबी आवाज में कहना है पुलिस इतना तंग करती है कि पलायन के अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं बचता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक गांव के राजेश राजवीर पुत्र सोवरन किशनलाल और मलखान समेत कुल पांच लोग पलायन कर चुके है.
ब्रह्मपुरी गांव के लोगों ने दबी आवाज में बताया कि पुलिस का अब केवल वसूली करने का ही काम बचा है. पुलिस पर आरोप लगाते हुए कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस आये दिन गांव वालों को उठाती है और पैसे की वसूली करती है. अगर पैसे न दे तो झूठे मुकद्दमे में फंसाने की धमकी देती है. इस वजह से गांव वाले पुलिस से खौफ खाये रहते हैं. पुलिस महीने में चार बार आती है और गांव वालों को ले जाती है. ग्रामीणों ने पुलिस पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पुंढीर बताते हैं कि
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारियों ने जांच कराने के नाम पर खानापूर्ति की है. हत्या के आरोप में थाना मेरापुर पुलिस के थाना प्रभारी समेत 10 लोगो के ऊपर हत्या करने का आरोप है. वहीं अब इस मामले पर थाना प्रभारी कायमगंज जांच करेंगे, जो कि बिल्कुल कानून के विपरीत है. ये दोनों थाना प्रभारी एक ही सर्किल में तैनात हैं.
एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि मेरापुरा थाना पुलिस ने ब्रह्मपुरी गांव में दबिश दी थी और लहन नष्ट करके वापस चली गई थी. इसके बाद रात डेढ़ बजे पीआरवी को सूचना मिली कि गौतम उर्फ सेना बहेलिया की मौत हो गई है. परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने आगे बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए थाना प्रभारी कायमगंज को नियुक्त किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. गौतम पर चोरी, अपहरण व शराब बनाने के चार मुकदमे दर्ज हैं.
(इनपुट-शुभम श्री वास्तव)
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