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(ट्रिगर चेतावनी: रिपोर्ट में हिंसा का जिक्र है)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 2 दिनों के अंदर 2 मौलानाओं की हत्या की खबर सामने आई है. मंगलवार (11 जून) को उत्तर प्रदेश के दो जिलों: मुरादाबाद और शामली से दो मौलानाओं (इस्लामिक मौलवियों) की हत्या की दो अलग-अलग वारदात सामने आईं.
कुछ दिनों पहले 8 जून को यूपी के प्रतापगढ़ में एक और मौलाना की हत्या की खबर आई थी. क्विंट ने पहले भी प्रतापगढ़ की घटना के बारे में रिपोर्ट दी थी. अब मुरादाबाद की घटना में पीड़ित की गोली मारकर हत्या की गई है, वहीं शामली कांड में पीड़ित का सिर काट दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों द्वारा अब तक इन तीन घटनाओं के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं बताया गया है.
मुरादाबाद के भेंसिया गांव में मौलाना मोहम्मद अकरम का शव उनके घर के पास एक खाली पड़ी इमारत में मिला. स्थानीय लोगों ने बताया कि 40 वर्षीय मौलाना अकरम पिछले15 साल से भेंसिया गांव में स्थानीय बड़ी मस्जिद के इमाम थे. (11 जून) मंगलवार की सुबह जब मौलाना अकरम फज्र की नमाज के लिए नहीं आए तो लोग परेशान होने लगे. बाद में उनका शव उनके घर से कुछ मीटर की दूरी पर पाया गया. उन्हें गोली मारी गई थी.
मौलाना अकरम के पड़ोसी यूसुफ ने कहा कि उनकी पत्नी ने सबसे पहले शव को देख था. उन्होंने बताया “सुबह करीब 5:15 बजे, मेरी पत्नी ने एक शव पड़ा हुआ देखा, उसने आकर मुझे इसके बारे में बताया. जब मैंने जाकर जांच की, तब पता चला कि वह मौलाना अकरम थे."
क्विंट से बात करते हुए गांव के ग्राम प्रधान मोहम्मद जब्बार ने कहा कि मौलाना अकरम को गांव में काफी पसंद किया जाता था. उन्होंने कहा कि “वह 15 वर्षों से इस मस्जिद के इमाम के रूप में सेवा कर रहे थे. वह मूल रूप से रामपुर के रहने वाले थे और इमाम बनने के लिए यहां आए थे. गांव में किसी को भी उनसे कोई समस्या नहीं थी, इसलिए यह (मर्डर) बहुत चौंकाने वाली बात है.” मौलाना अकरम के परिवार में उनकी पत्नी और 6 बच्चे हैं.
शामली में मंगलवार (11 जून) दोपहर झिंझाना के पास बल्ला माजरा गांव के जंगल में 58 वर्षीय इमाम फजलुर रहमान का सिर कटा शव पाया गया.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में आरोपी इमाम का बेटा, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था और उसका इलाज चल रहा था.
इन घटनाओं घटना के सामने आने के बाद AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने एक्स पर लिखा कि "इस सप्ताह में 3 दिन के भीतर हमारे दो मौलाना को मौत के घाट उतार दिया गया लेकिन हमारे वोट लेकर बड़ी पार्टी बड़े नेता बनने वाले @yadavakhilesh @RahulGandhi कुछ बोलने को तैयार नहीं बिलकुल मौन हैं, जबकि इन्हीं उलमा ने इंडिया गठबंधन को वोट करने की अपील भी की थी"
बता दें, प्रतापगढ़ में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव और जाने-माने मौलवी मौलाना फारूक (67) की शनिवार 8 जून को सोनपुर गांव में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
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