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भारतीय गौरक्षा वाहिनी के उपाध्यक्ष होने का दावा करने वाले मनोज ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 23 मई को शाकिर नाम के मुस्लिम शख्स को दिनदहाड़े लाठी से मारा. घटना का वीडियो वायरल हो गया है.
इसमें देखा जा सकता है कि मुरादाबाद के नार खेड़ा गांव के निवासी शाकिर को पीटा जा रहा है और लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं.
पुलिस ने मामले का संज्ञान ले लिया है और जांच शुरू कर दी है.
SHO कटघर ने 23 और 24 मई की रात में क्विंट को बताया, "दो FIR दर्ज हुई हैं. एक मनोज ठाकुर के खिलाफ एक शख्स को पीटने और दूसरी शाकिर के खिलाफ मास्क नहीं पहनने पर. दोनों में से कोई भी अभी थाने में नहीं है."
ये स्टोरी और जानकारी आने के बाद अपडेट की जाएगी.
जब ठाकुर से सीधा पूछा गया कि उन्होंने शाकिर पर हमला क्यों किया तो सवाल से हटकर उन्होंने कहा, "किसी ने मुझ पर कुछ दिन पहले हमला किया था, उसकी कोई जांच नहीं हुई. कल कुछ कसाइयों ने मुझे परेशान किया, उसकी जांच नहीं हुई. पुलिस मेरी नहीं सुनती. अगर मनोज ठाकुर किसी को लाठी से मार देता है तो वो पाप है, लेकिन अगर कोई मेरी जान लेने की कोशिश करे तो वो अपराध नहीं है?"
जब पूछा गया कि ठाकुर कथित आरोपी को पुलिस के पास क्यों नहीं ले गए, तो उन्होंने कहा कि 'अगर मैंने इंतजार किया होता तो जिसे मैंने पीटा है उसने मुझ पर हमला कर दिया होता.' उन्होंने अपनी सुरक्षा पर इस खतरे के आरोप को लेकर कोई सबूत या जानकारी नहीं दी.
ठाकुर पर पैसा लेने का आरोप है, जिससे वो इनकार करते हैं लेकिन भारतीय गौरक्षा वाहिनी के अध्यक्ष इसे दोहराते हैं.
अध्यक्ष राकेश सिंह परिहार कहते हैं कि ठाकुर के दावे से उलट वो संगठन के उपाध्यक्ष नहीं हैं और छह महीने पहले उन्हें निकाल दिया गया था.
परिहार ने कहा कि इलाके के बूचड़खानों में कई लोग काम करते हैं, तो ठाकुर उन्हें परेशान करते हैं. उन्होंने कहा, "किसी की टोपी किसी को पहनना, और उनका टोपी किसी तीसरे को पहनना. ऐसे ही काम करते थे वो."
हमें कोई दस्तावेज नहीं दिया गया है जिससे ये पता चले कि ठाकुर को संगठन से निकाला जा चुका है.
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