Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP:भाई की नियुक्ति पर विवाद,शिक्षा मंत्री बोले-मेरा हस्तक्षेप नहीं

UP:भाई की नियुक्ति पर विवाद,शिक्षा मंत्री बोले-मेरा हस्तक्षेप नहीं

शिक्षा मंत्री का कहना है कि पूरी तरह से प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और किसी को आपत्ति है तो वो जांच करा सकता है

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
UP: भाई नियुक्त हुए प्रोफेसर तो मंत्री की सफाई-मेरा हस्तक्षेप नहीं
i
UP: भाई नियुक्त हुए प्रोफेसर तो मंत्री की सफाई-मेरा हस्तक्षेप नहीं
(फोटो-फेसबुक)

advertisement

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर अब सफाई सामने आई है. शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि पूरी तरह से प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और अगर किसी को आपत्ति है तो वो जांच करा सकता है.

एक अभ्यर्थी ने आवेदन किया है और एक विश्वविद्यालय ने निर्धारित भर्ती प्रक्रिया का पालन किया है और चयन किया है.इस मामले में मेरा हस्तक्षेप नहीं है, न ही कुछ कहना है. दुर्भाग्य है कि वो मेरा भाई है.जिसको आपत्ति है, जांच करा ले.
सतीश चंद्र द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री, यूपी

EWS कोटे के तहत नियुक्ति पर तर्क

अरुण द्विवेदी को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कोटे (EWS) से मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया है. EWS कोटे के तहत नियुक्ति को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री का तर्क है कि ये जरूरी नहीं कि किसी की आमदनी बहुत अच्छी हो तो उसके भाई की भी आमदनी उतनी ही हो. पत्रकारों से बातचीत में वो इसे एक उदाहरण के जरिए समझाते नजर आए-

आप में से कोई किसी चैनल का स्टेट हेड जिसका पैकेज तीन-चार करोड़ का हो तो क्या उसके भाई को इनकम मिलता है. भाई की अलग आइडेंटिटी है. प्रशासन का प्रमाण पत्र है.मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है.
सतीश चंद्र द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री, यूपी

रिपोर्ट्स के मुताबिक साइकोलॉजी विषय के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पद थे.डॉ हरेंद्र शर्मा को ओबीसी कोटे सेनियुक्त किया गया जबकि दूसरे पद पर डॉ अरुण कुमार द्विवेदी को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य उम्मीदवार) श्रेणी में नियुक्त किया गया है.दिलचस्प बात यह है कि कुलपति सुरेंद्र दुबे का कार्यकाल 21 मई को समाप्त हो रहा था, लेकिन सरकार ने एक दिन पहले 20 मई को उनका कार्यकाल नियमित कुलपति की नियुक्ति तक बढ़ा दिया है.अरुण द्विवेदी को शुक्रवार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया.

150 आवेदन मिले थे, 10 को शॉर्टलिस्ट किया- कुलपति

कुलपति डॉ सुरेंद्र दुबे ने कहा कि उन्हें लगभग 150 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 10 को मेरिट के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया था.कुलपति ने संवाददाताओं से कहा, "दस उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था और अरुण द्विवेदी दूसरे स्थान पर थे. हमें मंत्री के साथ उनके संबंधों के बारे में जानकारी नहीं थी."मंत्री से संपर्क करने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं और उन्होंने फोन नहीं उठाया.

प्रियंका गांधी ने बताया-आपदा में अवसर

इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आरोप लगाया कि जहां हजारों शिक्षक अपनी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री ने 'आपदा में अवसर' के तहत अपने भाई के लिए एक नौकरी का प्रबंधन किया.उन्होंने इस घटना को समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के साथ मजाक करार दिया. प्रियंका ने यह भी पूछा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले का संज्ञान लेंगे और कार्रवाई करेंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT