Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उत्तर प्रदेश: कानपुर में 32 साल से रह रहा है पाकिस्तानी परिवार, केस दर्ज

उत्तर प्रदेश: कानपुर में 32 साल से रह रहा है पाकिस्तानी परिवार, केस दर्ज

Kanpur: कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और पुलिस को जांच करने के आदेश दिए

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>उत्तर प्रदेश: कानपुर में 32 साल से रह रहा है पाकिस्तानी परिवार, केस दर्ज</p></div>
i

उत्तर प्रदेश: कानपुर में 32 साल से रह रहा है पाकिस्तानी परिवार, केस दर्ज

(फोटो- क्विंट)

advertisement

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पाकिस्तान का एक नागरिक आलम चंद 1990 में टर्म वीजा पर कानपुर आया और परिवार समेत यहीं बस गया. इसके बाद पाकिस्तानी होने की बात छिपाकर उसने भारत की नागरिकता भी ले ली. पहचान पत्र, आधार कार्ड से लेकर एक-एक दस्तावेज बनवा लिया. इसके अलावा उसके एक बेटे को एयरफोर्स में नौकरी मिल गई और दूसरा बेटा शिक्षा विभाग में जॉब करने लगा.

क्या है पूरा मामला?

कानपुर में बर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले आलम चंद इसरानी और उनके दो बेटों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है. वादी पक्ष आलोक ने बताया कि बीते 32 सालों से आलम चंद्र इसरानी पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद भारत में रह रहा है. भारत में रहने के दौरान आलम चंद ने फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए अपना भारत का आधार कार्ड भी बनवा लिया.

आलम चंद्र इसरानी के दो बेटे हैं, 1990 में पाकिस्तान से भारत आया आलम चंद इसरानी लंबी अवधि का वीजा लेकर भारत में रहने आया था. इसके बाद जालसाजी से उसने फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा लिए. भारत की नागरिकता दिखाते हुए आरोपी के एक बेटे ने एयरपोर्ट में नौकरी हासिल कर ली और दूसरे लड़के ने सरकारी शिक्षक की नौकरी करने लगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

PM और CM ऑफिस में नहीं हुई सुनवाई तो कोर्ट से FIR

शिकायतकर्ता ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ कानपुर जिला प्रशासन और पुलिस के आलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर एक दर्जन से अधिक विभागों में लिखित शिकायत की थी. सभी ने जांच का हवाला देकर मामले को दबा दिया या फिर संज्ञान ही नहीं लिया. इसके बाद उसने कोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए याचिका दाखिल की थी.

कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और पुलिस को जांच करने के आदेश दिए. शुरूआती जांच में पुलिस ने सभी आरोपों को सही पाया. इसके बाद पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.

आलम चंद का कहना है कि...

वह पाकिस्तान में मुस्लिमों की प्रताड़ना से परेशान हो कर भारत आया था. 2013 में उसे भारत की नागरिकता मिल गई थी, उसके बेटे सरकारी नौकरी में नहीं हैं बल्कि उसके साथ बेकरी का काम देखते हैं. अभी बेटों को भारत की नागरिकता नहीं मिली है.
कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में मामला दर्ज हुआ है. पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

जांच के आधार पर होगी कार्रवाई

ADCP साउथ मनीष सोनकर के मुताबिक कोर्ट के आदेश के बाद उनके संज्ञान में पाकिस्तानी नागरिक के भारत में छिपकर रहने और धोखाधड़ी करने का मामला संज्ञान में आया है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. अन्य जांच एजेंसियों को भी मामले से अवगत करा दिया गया है, जांच के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

(इनपुट-विवेक मिश्रा)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT