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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पाकिस्तान का एक नागरिक आलम चंद 1990 में टर्म वीजा पर कानपुर आया और परिवार समेत यहीं बस गया. इसके बाद पाकिस्तानी होने की बात छिपाकर उसने भारत की नागरिकता भी ले ली. पहचान पत्र, आधार कार्ड से लेकर एक-एक दस्तावेज बनवा लिया. इसके अलावा उसके एक बेटे को एयरफोर्स में नौकरी मिल गई और दूसरा बेटा शिक्षा विभाग में जॉब करने लगा.
कानपुर में बर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले आलम चंद इसरानी और उनके दो बेटों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है. वादी पक्ष आलोक ने बताया कि बीते 32 सालों से आलम चंद्र इसरानी पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद भारत में रह रहा है. भारत में रहने के दौरान आलम चंद ने फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए अपना भारत का आधार कार्ड भी बनवा लिया.
शिकायतकर्ता ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ कानपुर जिला प्रशासन और पुलिस के आलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर एक दर्जन से अधिक विभागों में लिखित शिकायत की थी. सभी ने जांच का हवाला देकर मामले को दबा दिया या फिर संज्ञान ही नहीं लिया. इसके बाद उसने कोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए याचिका दाखिल की थी.
कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और पुलिस को जांच करने के आदेश दिए. शुरूआती जांच में पुलिस ने सभी आरोपों को सही पाया. इसके बाद पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
आलम चंद का कहना है कि...
ADCP साउथ मनीष सोनकर के मुताबिक कोर्ट के आदेश के बाद उनके संज्ञान में पाकिस्तानी नागरिक के भारत में छिपकर रहने और धोखाधड़ी करने का मामला संज्ञान में आया है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. अन्य जांच एजेंसियों को भी मामले से अवगत करा दिया गया है, जांच के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट-विवेक मिश्रा)
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