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रविवार, 26 दिसंबर को कानपुर (Kanpur) के बिजनेसमैन पीयूष जैन को केन्द्रीय एजेंसियों के द्वारा टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर कानुपर के ज्वाइंट कमिश्नर ने सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि पीयूष जैन को आगे की कार्यवाई के लिए कानपुर से अहमदाबाद ले जाने की संभावना है.
गुरुवार, 23 दिसंबर को कानपुर, कन्नौज, मुंबई और गुजरात में पीयूष जैन से जुड़े ठिकानों, फैक्ट्री, ऑफिस, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप पर आयकर विभाग के छापे के दौरान 257 करोड़ रूपए से अधिक कैश बरामद किए गए थे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके ठिकानों पर हुई छापेमारी के वक्त 16 प्रॉपर्टीज से जुड़े दस्तावेज पाए गए हैं. इनमें से चार प्रॉपर्टी कानुपर में, 7 कन्नौज में, 2 मुंबई में और 1 दिल्ली में है. दुबई में भी दो प्रॉपर्टीज का पता चला था. इसके अलावा उसके घर से कई किलो सोना भी बरामद किया गया है.
23 दिसंबर को हुई जांच 120 घंटे से अधिक समय तक चली और गिरफ्तार होने से पहले पीयूष जैन से लगभग 50 घंटे तक पूछताछ की गई. अधिकारियों को कन्नौज में उनके पैतृक घर से 18 लॉकर भी मिले, साथ ही करीब 500 चाबियों का एक गुच्छा मिला.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बाद में दस करोड़ रुपये और जब्त किए गए.
कन्नौज में पीयूष जैन के कारखाने से पांच करोड़ और आवास से पांच करोड़ रुपये, साथ ही फैक्ट्री से बेहिसाब चंदन का तेल, करोड़ों का इत्र भी जब्त किया गया. प्लास्टिक और टेप में बंधे कैश, फर्श पर बिखरी हुई नोट-गिनती मशीनों पर कब्जा कर लिया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह छापेमारी जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की अहमदाबाद ब्रांच ने स्थानीय केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की मदद से की थी. तलाशी के दिन, डीजीसीआई के सदस्यों और जीएसटी अधिकारियों के ठिकानों में पहुंचने के बाद पीयूष जैन कथित तौर पर भाग फरार हो गया. हालांकि, जांच अधिकारियों द्वारा कई बार कॉल करने के बाद वह दो घंटे बाद वापस आए.
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर हमला किया और कहा कि पैसे उनकी दीवारों से निकल रहे थे.
आनंदपुरी निवासी पीयूष जैन कन्नौज के छिपट्टी का निवासी है. पीयूष के पास कन्नौज में एक घर, परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप है.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष जैन के ठिकानों से बरामद कैश बिक्री की आय का हिस्सा था, जिसे गुप्त रूप से घर में रखा गया था. कहा जाता है कि पान मसाला व्यापारी ने बड़े पैमाने पर कर टैक्स चोरी की थी.
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