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‘जान लेना है या घायल करना है’-स्टिंग में UP पुलिस का एनकाउंटर रेट 

डीजीपी के निर्देश पर सस्पेंड किए गए तीनों आरोपी पुलिसकर्मी

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इंडिया टुडे ने फेक एनकाउंटर्स पर किया स्टिंग ऑपरेशन
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इंडिया टुडे ने फेक एनकाउंटर्स पर किया स्टिंग ऑपरेशन
(फोटोः The Quint)

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यूपी को अपराध मुक्त बनाने का मिशन को कैसे पुलिसवालों ने कमाई का जरिया बना लिया है. एक स्टिंग ऑपरेशन में सनसनीखेज बात सामने आई है जिसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर पैसे के बदले एनकाउंटर का रेट कार्ड बताते नजर आ रहे हैं.

स्टिंग में यूपी के वर्दी वालों के मैन्यू की लंबी रेट लिस्ट है जैसे काम उतनी रकम. जैसे दुश्मनों को खलास करने आठ लाख रुपया, घायल करने रेट कम है. मामूली दुश्मनी हो या दो-चार महीने जेल में रखना हो तो झूठे ड्रग केस में फंसाने की गारंटी भी दे रहे हैं ये पुलिस वाले. 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को इस स्टिंग से बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है क्योंकि वो दावा करती रही है कि राज्य को अपराध मुक्त कर दिया जाएगा. 2017 में योगी सरकार बनने के बाद पुलिस एनकाउंटर में 63 अपराधी मारे जा चुके हैं. कई मौकों पर इन पुलिस एनकाउंटर्स को लेकर सवाल भी उठे. लेकिन योगी सरकार ने इन्हें खारिज कर दिया.

पर इंडिया टुडे न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 'इंडिया टुडे' के स्टिंग ऑपरेशन में यूपी पुलिस के सब-इंस्पेक्टर पैसे लेकर एनकाउंटर करने को एकदम तैयार नजर आ रहे हैं. उन्होंने किसी का भी एनकाउंटर करने का पूरा प्लान भी बता दिया. स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद यूपी पुलिस से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया है. इस मामले में डीजीपी के निर्देश पर तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से की गई करीब 1500 मुठभेड़ों में 400 के आसपास लोग घायल हुए हैं. जबकि मुठभेड़ों में मरने वालों का आंकड़ा 60 से ऊपर पहुंच गया है.

स्टिंग ऑपरेशन में क्या है?

इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है कि यूपी पुलिस के कुछ अफसर झूठे मामलों में निर्दोष लोगों को फंसा रहे हैं. इतना ही नहीं मोटी रकम मिलने पर उन्हें फेक एनकाउंटर्स में शूट भी कर रहे हैं.

चैनल के कैमरे पर आगरा के चित्राहाट थाने के एक सब इंस्पेक्टर ने निर्दोष नागरिक को मारने की कीमत आठ लाख रुपये लगाई. चैनल की टीम ने स्टिंग के तहत खुद को कारोबारी बताते हुए अपने एक काल्पनिक प्रतिस्पर्धी कारोबारी को फर्जी मामले में फंसाने के लिए सब इंस्पेक्टर से संपर्क किया.

इस पर सब-इंस्पेक्टर ने निर्दोष नागरिक को फंसाने के लिए पूरा प्लान खुद ही बता दिया.

सब इंस्पेक्टर ने अपना प्लान बताते हुआ कहा, ‘उसके खिलाफ बैंक डकैती का फर्जी सबूत जुटाएंगे, फिर उसे अज्ञात संदिग्धों में नामजद करेंगे. इसके बाद एनकाउंटर होगा. उसमें जान भी जा सकती है, घायल भी हो सकता है.’

एसआई सर्वेश कुमार ने दावा किया कि वह तीन थानों की जिम्मेदारी ले सकता है.‘लूट हो ही जाती हैं. मेरे क्षेत्र में हो गई, जैतपुर में हो गई या बाह में हो गई. मैं अपने बारे में बता रहा हूं. तीन थानों की जिम्मेदारी मेरी. मैं सेट कर सकता हूं.’

SI ने बताई एनकाउंटर की कीमत

एनकाउंटर में बचने का कोई चांस नहीं

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SO ने मानी फेक एनकाउंटर्स की बात

आगरा जिले के पास ही बसई जगनेर पुलिस स्टेशन के एसओ जगदम्बा सिंह ने स्टिंग के दौरान सूबे में फेक एनकाउंटर किए जाने की बात मानी. कैमरे पर जगदम्बा सिंह ने कहा कि प्रमोशन का लालच राज्य में पुलिस अधिकारियों से फेक एनकाउंटर तक करवा देता है.

इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस वाले ने स्टिंग में सिस्टम की पोल खोलकर रख दी. इसने कहा कि वो थाने का चार्ज लेने के लिए कुछ भी कर सकता है भले इसके लिए फेक एनकाउंटर करने पड़ें.

फेक एनकाउंटर के सवाल पर बोला SI- काम हो जाएगा

बसई जगनेर पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने शुरुआत में तो आगरा सिटी में ट्रांसफर के लिए बेताबी दिखाई. और बाद में वह भी फेक एनकाउंटर के लिए पूरी तरह तैयार दिखे.

बलबीर सिंह ने शहर में तैनाती का जिक्र करते हुए कहा, 'सिटी में चौकी मिले तो ठीक है वरना क्या फायदा. मान लो थाने में पोस्टिंग हो गई. इंस्पेक्टर ने उठाकर किसी चौकी पर कर दिया. अब चौकी इंचार्ज दूसरा है. वही सारा पैसा (घूस) ले जाएगा.'

बलबीर सिंह ने सिटी में पोस्टिंग होने की स्थिति में फेक एनकाउंटर तक करने के लिए खुद को तैयार बताया. बलबीर सिंह ने कहा, ‘मैं शहर में आ जाऊंगा तो फिर देखता हूं एनकाउंटर. उसे (टारगेट) को शहर में पकड़ा जाएगा. इसकी व्यवस्था की जा सकती है.’ बलबीर सिंह ने कहा, ‘पकड़ने के बाद ही तो योजना बनाई जाती है. गोपनीय रखा जाएगा. कोई जान भी नहीं पाएगा. ऐसे ही ये काम किए जाते हैं.’

DGP के निर्देश पर तीनों पुलिसकर्मी सस्पेंड

स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद डीजीपी ओम प्रकाश सिंह के निर्देश पर तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने निर्दोष नागरिकों के साथ फेक एनकाउंटर के लिए तैयार होने की बात कहने वाले तीनों पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है.

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Published: 07 Aug 2018,03:18 PM IST

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