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उत्तर प्रदेश में 50 साल से ज्यादा उम्र वाले पुलिस कर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में पहले भी कई बार निर्देश दिए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. अब डीजीपी ऑफिस ने सभी जोन के एडीजी और लखनऊ, नोएडा के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख कर इस पर ध्यान देने को कहा है.
डीजीपी ऑफिस ने जो पत्र लिखा है, उसके मुताबिक 50 साल की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इस उम्र सीमा के लिए 31 मार्च 2020 डेडलाइन रखी गई है. मतलब कि जो पुलिसकर्मी इस तारीख को 50 साल के हो चुके हैं, उनकी स्क्रीनिंग होगी.
पिछले साल 2019 में जून के महीने में भी ऐसी ही कार्रवाई के लिए सभी जोन के पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजा गया था. योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्ट और 50 साल की उम्र पार कर चुके पुलिस अफसरों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए जाने का फैसला किया था.
इस संबंध में एडीजी स्थापना पीयूष आनंद ने जून में पत्र भेजा था और जानकारी मांगी थी. इसके लिए 30 जून डेडलाइन तय की गई थी. भ्रष्ट और 50 साल की उम्र पार कर चुके पुलिस अफसरों की लिस्ट मांगी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. आनंद के इस पत्र से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.
योगी आदित्यनाथ ने ये फैसला गृह विभाग की एक समीक्षा बैठक में लिया था. योगी ने बैठक के दौरान भ्रष्ट और काम न करने वाले पुलिसकर्मियों पर गुस्सा जाहिर किया था. सचिवालय में हुई इस बैठक के दौरान योगी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश को ऐसे पुलिसवालों की जरूरत नहीं है, जो व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं हैं.
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