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उत्तर प्रदेश में नए धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून लाने के बाद योगी सरकार अब 44 साल पुरानी उस योजना को खत्म करने पर विचार कर रही है, जिसमें अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि दिया जाता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक दो दशक पहले जब उत्तराखंड यूपी से अलग हुआ था तब अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना को बरकरार रखा गया था, लेकिन अब उत्तराखंड भी इस योजना से पीछे हट रहा है.
बता दें कि पहले इस योजना का फायदा उठाने के लिए अंतरधार्मिक शादी करने वाले कपल को शादी के दो साल के अंदर जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन देना होता था, जिसमें वेरिफिकेशन के बाद कपल को पैसे दिए जाते थे. हालांकि 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया कि अगर अंतरधार्मिक शादी करने वालवे कपल शादी के बाद धर्म परिवर्तन कर लेते हैं तो उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा,
सरकारी प्रवक्ता ने आगे कहा कि अब राज्य सरकार ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश पारित किया है, इसलिए अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन स्कीम पर पुनर्विचार किया जाएगा.
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