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उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ संकट पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार ने भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ से 296 परिवारों के 995 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है. उच्च सदन में तीन अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में, जितेंद्र सिंह ने कहा कि जोशीमठ में 863 इमारतों में हालिया भू-धंसाव के कारण दरारें देखी गई हैं और कई इमारतों में मध्यम और बड़े नुकसान की जानकारी मिली है.
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पुनर्वास के लिए अग्रिम के रूप में एक लाख रुपये और प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50 हजार रुपये विस्थापन भत्ते के रूप में भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं और इस उद्देश्य के लिए 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भूस्खलन की संवेदनशीलता के नक्शे तैयार किए हैं, जिनमें से कई में अस्थिर और गतिशील भूविज्ञान है. इन मानचित्रों को विकास योजना में स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्यान में रखा जाना है. हिमालयी क्षेत्र में किसी भी बड़ी निर्माण परियोजना को शुरू करने से पहले पर्यावरण मंजूरी अनिवार्य थी.
उन्होंने आगे कहा कि राहत शिविरों में प्रभावित लोगों को मुफ्त चिकित्सा जांच और मुफ्त दवाएं भी प्रदान की गई हैं.
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