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देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, हालात ये हैं कि अब एक दिन में दो लाख से ज्यादा नए मामले आ चुके हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकारों ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन इस बीच हरिद्वार में जारी कुंभ मेले को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि यहां रोजाना लाखों लोग बिना कोरोना गाइडलाइन का पालन किए स्नान कर रहे हैं. उधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि मां गंगा की कृपा से कुंभ में कोरोना नहीं फैलेगा. जबकि हकीकत ये है कि हरिद्वार में रोजाना कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
हरिद्वार में 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के मौके पर तीसरा शाही स्नान आयोजित हुआ. इस शाही स्नान में करीब 14 लाख लोग पहुंचे और गंगा में स्नान किया. एक बार फिर ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिनमें कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ती हुई देखी गईं. लोग बिना मास्क के लाखों की संख्या में एक ही जगह पर स्नान करते नजर आए. ये सब कुछ तब हो रहा था, जब हरिद्वार में कई अखाड़ों के साधु संत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
इससे पहले 12 अप्रैल को हुए दूसरे शाही स्नान से ठीक पहले हरिद्वार प्रशासन ने हाथ खड़े करते हुए साफ कह दिया था कि कोरोना नियमों का पालन करवाना मुमकिन नहीं है. कुंभ मेला इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) संजय गुंज्याल ने कहा था कि,
12 अप्रैल को शाही स्नान में 31 लाख से ज्यादा लोगों ने हरिद्वार में आकर स्नान किया था. जहां कई हाईकोर्ट और राज्य सरकारें 4 से ज्यादा व्यक्तियों के एक जगह पर इकट्ठा होने को लेकर रोक की बात कर रही हैं और धारा-144 लगाई जा रही है, वहीं कोरोना संकट के बीच एक ही जगह पर 31 लाख से ज्यादा लोग जमा हो गए. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक 13 अप्रैल को 6 लाख लोगों ने स्नान किया था. इस तरह से सिर्फ तीन में 50 लाख लोगों ने स्नान किया.
12 अप्रैल को हुए शाही स्नान के बाद कोरोना मामलों का जो आंकड़ा सामने आया वो काफी डराने वाला है. 12 अप्रैल से लेकर दूसरे शाही स्नान 14 अप्रैल तक हरिद्वार में करीब 1 हजार से भी ज्यादा कोरोना मामले सामने आए. 14 अप्रैल को आई रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार में पिछले 24 घंटों में 525 नए कोरोना मामले सामने आए. जिसके बाद यहां कुल कोरोना मामलों की संख्या 18 हजार से भी ज्यादा हो चुकी है. वहीं उत्तराखंड में एक ही दिन में 1953 नए कोरोना केस सामने आए.
अब हमने आपको बताया कि शाही स्नान में कुल कितने लाख लोग पहुंचे और कैसे कोरोना नियमों की अनदेखी हो रही है. लेकिन अगर उत्तराखंड के सीएम के बयानों पर नजर डालें तो उन्हें अब तक भी कोरोना की कोई चिंता नहीं है. तीसरे शाही स्नान के दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सरकार कोरोना के खतरे को देखते हुए कुंभ को जल्दी खत्म कर सकती है. लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने कुछ अखबारों से बातचीत में साफ किया कि कुंभ पहले से तय अवधि यानी 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. यहां तक कि तीरथ सिंह रावत ने ये तक दावा कर दिया कि अब तक हुए शाही स्नानों में तमाम कोरोना नियमों का पालन किया गया है.
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब कुंभ को लेकर तीरथ सिंह रावत अपनी पीठ थपथपा रहे हों, इससे पहले भी सीएम की कुर्सी मिलते ही उन्होंने कुंभ के लिए जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर ऐलान कर दिया था कि बिना किसी प्रतिबंध के लोग स्नान करने आ सकते हैं. उन्होंने कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट और बाकी कुछ गाइडलाइन को हटा दिया था. लेकिन हाईकोर्ट और केंद्र से फटकार के बाद अब कुंभ में शामिल होने के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी है.
सीएम कोरोना की अनदेखी इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड में करीब 8 महीने बाद विधानसभा होने हैं. ऐसे में कुंभ के जरिए लोगों को खुश करने की कवायद चल रही है. सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए उत्तराखंड में लगातार ऐसे ही कुछ कदम उठाए जा रहे हैं.
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