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उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Collapse) में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का अभियान जारी है. अधिकारियों ने बताया है कि ऑपरेशन दो दिन से लेकर 15 दिनों तक खींच सकता है. वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से बात की और बचाव कार्य को लेकर जानकारी मांगी.
सुरंग में मजदूरों को फंसे हुए अब 11 दिन हो चुके हैं, चलिए आपको बताते हैं खबर से जुड़े सारे लेटेस्ट अपडेट्स.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर बताया कि, पीएम मोदी ने फोन पर बात कर रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जानकारी मांगी. उन्होंने पीएम मोदी को पिछले 24 घंटे में हुई प्रगति को लेकर जानकारी दी.
मजदूरों के परिवार वालों ने उनसे रेडियो और पाइप के जरिए बात की है. 21 नवंबर को फंसे हुए मजदूरों को गर्म पका हुआ खाना खिलाया गया. उन्हें पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ रोटियां दी गईं.
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम के निदेशक अंशू मनीष खुल्को ने कहा कि, "पहाड़ की चोटी से वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए जगह की पहचान कर ली गई है. वहां तक पहुंचने के लिए सड़क का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. 350 मीटर से अधिक सड़क निर्माण का काम पूरा हो चुका है. बीआरओ सिल्क्यारा और बरकोट दोनों तरफ से सड़क बना रहा है जो लगभग पूरा हो चुका है."
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुरंग का निर्माण करने वाले स्किल्ड मजदूरों, पंप ऑपरेटर और ड्रिलर्स की तनख्वा 24000 रुपये है वहीं अनस्किल्ड मजदूरों जैसे श्रमकि और हेल्पर की तनख्वा 18000 रुपये है. एक्सप्रेस ने मजदूरों के परिवार के हवाले से बताया कि उनसे दिन में 12 घंटे काम लिया जाता है और एक महीने में वे 2 दिन की छुट्टी ले सकते हैं.
21 नवंबर की शाम को बचावकर्मियों ने फंसे हुए लोगों को खाना उपलब्ध कराने के लिए 6 इंच का पाइप बिछाया. लेकिन तब उन्हें केवल केले, संतरे और दवाइयां ही उपलब्ध कराई गईं. मोबाइल चार्जर भी पाइप के जरिए भेजे गए हैं.
रेस्क्यू को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि, "हम एक विकल्प पर फोकस करने की बजाय सभी विकल्पों पर एक साथ काम कर रहे हैं. मशीन और हॉरिजॉन्टल बोरिंग से टनल को खोलने का काम किया जा रहा है. इसमें 12-15 दिन लग सकते हैं."
12 नवंबर को सुरंग के ढहने के बाद से पहली बार फंसे हुए श्रमिकों को एक सीसीटीवी फुटेज के जरिए देखा गया है. इसके लिए सुरंग में एक एंडोस्कोपी कैमरा भेजा गया था.
बता दें कि फंसे हुए मजदूरों में से पंद्रह मजदूर झारखंड से हैं, आठ उत्तर प्रदेश से, ओडिशा और बिहार से पांच-पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, उत्तराखंड और असम से दो-दो और हिमाचल प्रदेश से एक मजदूर है.
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