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उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले की कोशिश 10वें दिन भी जारी है. इस बीच, रेस्क्यू अभियान में बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा फंसे मजदूरों तक पहुंच गया है और अब बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए मजदूरों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. ड्रिलिंग मशीनें भी साइट पर पहुंच गई हैं, जिनका उपयोग उत्तरकाशी में ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग में शाफ्ट खोदने के लिए किया जाएगा.
इस बीच, सुरंग में फंसे एक श्रमिक के परिवार के एक सदस्य ने बताया, "हमें उम्मीद है कि वो ठीक हैं लेकिन जब मैं उनसे बात करूंगा तभी मैं संतुष्ट हो पाऊंगा."
इससे पहले, 20 नवंबर को सुरंग के बंद हिस्से में 6 इंच की पाइप लाइन बिछाकर सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने का काम पूरा हो गया था. ड्रिलिंग करके मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई जिसके जरिए श्रमिकों तक पहली बार गर्म खाना और बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी भेजा गया है.
सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन तैयार कर रहे रसोइया दिनेश ने ANI को बताया, "श्रमिकों के लिए खाना तैयार कर रहे हैं. खिचड़ी में आलू और चने की दाल मिलाकर बना रहे हैं. वहीं, दलिया और पूड़ी सब्जी भी बनाने को कहा गया है."
इस बीच, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 'X' पर जानकारी देते हुए बताया, "सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है. सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताकत के साथ प्रयासरत हैं."
इससे पहले पांच अलग-अलग एजेंसियों को इस रेस्क्यू ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो पांच अलग-अलग योजनाओं पर काम करेंगी. ये एजेंसियां हैं-
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
सतलुज जल विद्युत निगम (SGVNL)
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHICDL)
टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (THCL)
वहीं, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, "श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अन्य वैकल्पिक उपाय भी किये जा रहे हैं.हम सभी को संयम और विश्वास बनाये रखना है."
बता दें कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और पीएमओ के डिप्टी सचिव भी जाकर स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं. पूरे मामले पर पीएमओ निगाह बनाए हुए है. निरीक्षण के बाद मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों की जान बचाकर उन्हें बाहर निकालना यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है."
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे 41 श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए.
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