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Uttarakhand Silkyara Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार, 27 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के 17वें दिन शाम में एक-एक कर श्रमिकों को बाहर निकाला गया.
हर मजदूर को निकालने में करीब 3-5 मिनट का समय लगा है. पहले मैन्युअली ड्रिलिंग की गई फिर पाइप बिछाया गया और फिर श्रमिकों उसके जरिए बाहर निकाला गया है.
उत्तराखंड CMO ने कहा कि, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सिल्कयारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा घर जाने तक अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी.
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में मलबे के बीचों-बीच 800 मिमी व्यास वाले स्टील पाइप का उपयोग करके एक रास्ता बनाया गया. फिर पहिएदार स्ट्रेचर की मदद से एक-एक कर श्रमिकों को पाइप के जरिये बाहर निकाला गया.
मौके पर श्रमिकों के परीक्षण के बाद उन्हें एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल ले जाया गया. बाहर आने के बाद फंसे श्रमिकों की देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला हॉस्पिटल तैयार किया गया है.
उत्तरकाशी के इस सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक रोजी-रोटी की तलाश में अलग-अलग राज्यों से आए हुए हैं. इनमें झारखंड से पंद्रह, उत्तर प्रदेश से आठ, ओडिशा और बिहार से पांच-पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, उत्तराखंड और असम से दो-दो और हिमाचल प्रदेश से एक श्रमिक हैं.
बता दें कि उत्तरकाशी से लगभग 30 किमी दूर और देहरादून से सात घंटे की ड्राइव पर स्थित, सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का एक अभिन्न अंग है. इसकी मदद से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के हिंदू तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की तैयारी है.
इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है."
राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने कहा कि, "मुझे यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में एक सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है. बचाव कार्य में बाधाओं का सामना करने के कारण 17 दिनों तक की उनकी पीड़ा मानवीय सहनशक्ति का प्रमाण रही है. मैं उन टीमों और सभी विशेषज्ञों को बधाई देती हूं जिन्होंने इतिहास के सबसे कठिन बचाव अभियानों में से एक को पूरा करने के लिए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है."
वहीं कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा, "उत्तरकाशी के सिलक्यारा की सुरंग में बीते 17 दिनों से फंसे हुए 41 मजदूरों का सकुशल बाहर आना देश के लिए सुखद क्षण है. सभी मजदूर भाइयों का सुरक्षित होना समस्त देशवासियों के लिए राहत भरी बात है. हम सभी उनके लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे. हम उन कर्मचारियों और कार्यकुशल लोगों के भी आभारी हैं, जो इस पूरे बचाव अभियान में जी-जान से जुटे हुए थे. उन सभी को हमारी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं. सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि सभी मजदूर भाइयों को त्वरित स्वास्थ्य लाभ और उचित आर्थिक मदद दी जाए."
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