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चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) में श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है. रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं. इस बीच लगातार श्रद्धालुओं की मौत की खबरें भी आ रही है. जानकारी के मुताबिक 6 दिन में 20 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. ऐसे में सरकार की तैयारियों पर कई सवाल उठ रहे हैं. केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालुओं को लंबे जाम का भी सामना करना पड़ा रहा है.
इतनी संख्या में यात्रियों की मौत से हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक तीर्थयात्रियों की मौत हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों की वजह से हुई है.
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने बताया कि भीड़ बढ़ने के बाद अब रजिस्ट्रेशन के बिना लोगों को नहीं जाने दिया जा रहा है. सीमित संख्या में रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं, जिससे धाम में व्यवस्था न बिगड़े.
चारधाम यात्रा के दौरान पिछले कुछ सालों में हुई मौतों पर एक नजर:
2017 में 112 तीर्थ यात्रियों की मौत
2018 में 102 तीर्थ यात्रियों की मौत
2019 में 91 तीर्थ यात्रियों की मौत
2020-21 में कोरोना के चलते यात्रा आयोजित नहीं हुई
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं की मौत के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आई है. चारधाम के लिए केंद्र सरकार ने NDRF की टीम भेजी है. साथ ही ITBP के जवानों को भी पैदल यात्रा मार्गों पर मदद के लिए तैनात किया गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सेना के लोगों को भी तैनात किया जाएगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से अपील की है कि चार धाम यात्रा पर आने से पहले अपने स्वास्थ्य की जरूर जांच करा लें और पूरी तरह से स्वस्थ हों तभी यात्रा पर आएं.
उन्होंने युवा यात्रियों से अपील की कि वे बूढ़े और जरूरतमंदों को कतार में आगे बढ़ने दें.
उत्तराखंड में 3 मई से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी. इस साल चार धाम यात्रा के लिए रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन हुआ है. पहले सप्ताह में 2 लाख से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं. वहीं यात्रा के लिए 10 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. सबसे ज्यादा केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन हुए हैं. सभी चार धामों में निर्धारित क्षमता से तीन गुना अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
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