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COVID-19 संकट के बीच खाड़ी देशों और दुनिया के कई हिस्सों में फंसे हुए हजारों भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारत एक बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन शुरू करने जा रहा है. इस अभियान को ‘वंदे भारत मिशन’ नाम दिया गया है.
बता दें कि इंडियन नेवी ने भी आईएनएस जलाश्व, आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल को विदेशों से भारतीयों को स्वदेश लाने के काम में लगाया है. उस अभियान को 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' नाम दिया गया है.
इस ऑपरेशन के तहत 12 देशों से भारतीयों को वापस लाया जाएगा.
कहां से कितनी फ्लाइट्स भारतीयों को स्वदेश लाएंगी?
12 देशों से भारतीयों को स्वदेश लाने वाली फ्लाइट्स की संख्या इस तरह होगी
विदेशों में फंसे 3 लाख से ज्यादा भारतीयों ने स्वदेश वापसी के लिए आवेदन किया है. ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर ही लोगों को वापस लाया जाएगा.
भारत वापसी में किसे मिलेगी प्राथमिकता?
एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां लोग संकट में हैं. उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार और वे लोग भी शामिल हैं जिनकी शॉर्ट टाइम वीजा की समयसीमा बीत गई है.
मंत्रालय ने सोमवार को ऐलान किया था कि वो ऐसे भारतीयों को स्वदेश वापसी में सुविधा देगा जिनमें कोरोना वायरस महामारी के कोई लक्षण नहीं है.
कौन देगा यात्रा का किराया?
‘वंदे भारत मिशन’के तहत विदेश से आने वाले यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा. ढाका से दिल्ली का किराया 12 हजार रुपये, दुबई से कोझिकोड का 15 हजार रुपये, लंदन हीथ्रो से मुंबई/दिल्ली/अहमदाबाद/बेंगलुरु का किराया 50 हजार रुपये, अमेरिका से दिल्ली/मुंबई/बेंगलुरु/हैदराबाद का किराया 1 लाख रुपये होगा.
क्या होगी वापसी की प्रक्रिया?
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारतीयों के विदेश से लौटने के लिए ये ऑपरेटिंग प्रोसिजर अपनाया जाएगा:
बताया जा रहा है कि हर फ्लाइट में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए यात्रियों की संख्या सीमित रखी जाएगी.
आवेदन मिलने के बाद विदेश मंत्रालय यात्रियों का डेटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, जेंडर, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, गंतव्य और पीसीआर परीक्षण और उसके नतीजे की सूचना शामिल होगी.
विदेश मंत्रालय संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ डेटाबेस (सूचनाएं) शेयर करेगा. गृह मंत्रालय ने कहा है कि विदेश मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा जो संबंधित राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे.
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